भोपाल। आज दिनांक 30.08.2018 को पदोन्नति में आरक्षण प्रकरण पर संविधान पीठ ने पुन: सुनवाई प्रारंभ की। सुबह अनारक्षित वर्गों की ओर से श्री राकेश द्विवेदी ने जिरह प्रारंभ की। उनके अतिरिक्त श्री नाफ डे, श्री कौशिक, श्रीमती किरण सूरी ने अपने तर्क रखे। प्रतिपक्ष की ओर से प्रतिपरिक्षण में महान्यायधीश के अतिरिक्त श्रीमती इंद्रा जयसिंह, श्री पट वालिया ने पुन: अपने तर्क रखे। प्रकरण पर बहस पूरी हो चुकी है एवम् पीठ ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। निर्णय माह अंत तक आने की संभावना है।
शासन की ओर से पुन: तर्क दिया गया है कि अनुसूचित जाति/ जनजाति के पिछड़ेपन की परीक्षा नहीं की जा सकती वे स्वयं सिद्ध पिछड़े हैं। इस हेतु महान्यायविद द्वारा चैनैया प्रकरण के निर्णय को आधार बनाया गया। मान जस्टिस मिश्रा व मान जस्टिस नरीमन द्वारा इसे खारिज किया गया एवं कहा गया कि एम नागराज निर्णय और चैनैया निर्णय अलग अलग आधारों पर हैं और दोनों को जोड़ा नहीं जा सकता।
उम्मीद है कि प्रकरण 7/9 जजों की बेंच को न भेजा जाएगा बल्कि एम नागराज में निर्धारित शर्तों के कारण जो विसंगतियां उत्पन्न हो रही है उनके संबंध में स्पष्टीकरण के साथ संविधान पीठ का निर्णय आयेगा।
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