इसलिए इस बार NHAI के निर्देश पर पाथ इंडिया कंपनी ने सड़क के आसपास धूमने वाले आवारा जानवरों के सींग, धड़ और पूंछ पर रेडियम चिपकाने का अभियान चलाया। अब तक करीब 150 जानवरों पर कंपनी के कर्मचारी रेडियम रिफ्लेक्टर स्ट्रिप चिपका चुके हैं। इसका सही परिणाम भी दिखाई देने लगा है। इन घटनाओं में कमी आई हैं।
एक और चौंका देने वाली बात कंपनी की रिपोर्ट में दिखाई देती है। वह यह कि हाइवे पर सबसे ज्यादा हादसे आवारा गौवंश से टकराकर होते हैं और गौवंश ही इन हादसों में सबसे ज्यादा मरता है। उदाहरण के लिए इस महीने में 55 जानवर वाहनों से टकराए और मर गए। इनमें 25 के लगभग गौवंश था। 20 आवारा कुत्ते थे और करीब 10 नीलगाय और दूसरे जानवर थे।
हाइवे पर औसतन 70 हादसे हर महीने जानवरों से वाहनों के टकरा जाने से हो रहे थे। हमने अभियान चलाया और जानवरों के सींग, धड़ और पूंछ पर रेडियम लगाया। मई और जून में इसके परिणम सामने आए। हादसों में 35 ये 40 फीसदी तक गिरावट आई है।
विशाल, मैनेजर एचआर पाथ वे मुरैना
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