भोपाल। मूक-बधिर लड़कियों के बलात्कार मामले में जिस छात्रावास या शेल्टर होम का जिक्र किया जा रहा है, उसमें एक नया खुलासा हुआ है। पता चला है कि इस शेल्टर होम को सरकारी अनुदान तो दिया जा रहा था परंतु सरकारी दस्तावेजों में यह बालकों के लिए संचालित शेल्टर होम है जबकि वास्तविकता में यहां लड़कियां रहतीं थीं। बता दें कि जिन संस्थाओं को सरकारी अनुदान प्रदान किया जाता है उनकी समय-समय पर जांच भी की जाती है। इस मामले में अनुदान घोटाला उजागर हुआ है।
बताया गया है कि लड़कियों के साथ बलात्कार का आरोपी अश्वनी शर्मा सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से लाखों का अनुदान ले रहा था। इधर 5वीं छात्रा ने भी सामने आई है। उसने भी अश्विनी शर्मा पर बलात्कार का आरोप लगाया है। बता दें कि गू्ंगी बहरी छात्राओं ने कई महीनों तक संघर्ष के बाद अश्विनी शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।
अनुदान घोटाला का खुलासा होने के बाद अब कांग्रेस ने सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव के इस्तीफे की मांग की है। इससे पहले कांग्रेस इस मामले की सीबीआई जांच कराए जाने की भी मांग लगातार करती आ रही है। एक छात्रा ने अश्विनी शर्मा पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप भी लगाया है।
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