उज्जैन। महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बहादुर सिंह चौहान पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी नेता दिलीप नवलखा को इतना प्रताड़ित किया कि तनाव के कारण उनकी मौत हो गई। डॉक्टर ने उनकी मौत का कारण हृदयघात बताया है। स्व. दिलीप के परिजनों का कहना है कि विधायक बहादुर सिंह ने उनकी खाद-बीज फर्म के खिलाफ विधानसभा में पिछले 4 वर्षों में व्यक्तिगत 40 प्रश्न लगाए। यही नही, जब सरकार ने विधायक चौहान को प्रश्न लगाने से रोका तो उसने व्यक्तिगत रूप से फर्म के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दर्ज करवा दिया।
आरोप है कि विधायक चौहान भाजपा नेता की छवि खराब करना चाहते थे। विधायक के दबाव के चलते कृषि विभाग की टीम ने नवलखा के खाद-बीज गोदाम पर एक हफ्ते पहले ही जांच की थी। इसी वजह से नवलखा तनाव में चल रहे थे और तीन दिन पहले हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद लोगों में चौहान के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया, उन्होंने शहर को बंद कर देर रात कैंडल मार्च निकालकर शोक व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग भी की। केन्द्रीय मंत्री गेहलोत के साथ कई राजनेताओं और जनप्रतिनिधिओं ने नवलखा को श्रद्धाजंलि दी। गहलोत ने बताया कि दिलीप पिछले कई दिनों से तनाव में थे।
पहले भी हो चुका है आॅडियो वायरल
उज्जैन जिले की महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बहादुर सिंह चौहान का एक कथित आॅडियो पहले भी वायरल हो चुका है। जिसमें वे यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि मैंने विधायक रहते हुए करोड़ों रुपए की रिश्वत ली। अपने लिए नहीं बल्कि पार्टी के लिए।
तीन चुनाव लड़े, दो बार विधायक
चौहान पहली बार महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से ही वर्ष 2003 में विधायक बने। 2008 में दूसरा चुनाव वे हार गए। 2013 में फिर विधायक चुने गए। इस बार दिलीप नवलखा टिकट की दावेदारी कर रहे थे और कहा जा रहा है कि क्षेत्र में बहादुर सिंह के विरुद्ध माहौल बना हुआ है।
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