नई दिल्ली। दूसरी कक्षा तक के बच्चों को काफी राहत मिलने वाली है। उन्हें भारी बस्ते के बोझ और होमवर्क से छुटकारा मिल जाएगा। ऐसा मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले के कारण हुआ है। कोर्ट लंबी जद्दोजहद और सुनवाई के बाद दूसरी कक्षा तक के बच्चों को होमवर्क नहीं देने का फैसला लिया गया है। सीबीएसई ने भी मद्रास हाईकोर्ट के एक फैसले का पालन करते हुए सभी स्कूलों को आदेश भी जारी कर दिया गया है।
सीबीएसई ने कहा है कि स्कूल राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 के प्रावधानों का पालन करें। लिहाजा उन्हें स्कूल बैग भी न दिया जाए। बता दें कि सीबीएसई की ओर से ये आदेश एक बार फिर जारी किया गया है। और स्कूलों को ये भी कहा गया है कि एफिलिएशन पॉलिसी के कारण उन्हें ये आदेश मानना जरूरी है।
बता दें कि एनसीईआरटी ने पहली और दूसरी कक्षा के लिए मात्र तीन-तीन पुस्तकें निर्धारित कर रखी हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2007 में बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अशोक गागुंली ने स्कूलों को बच्चों के बैग का वजन कम करने के लिए कहा गया था। बोर्ड ने भी कहा है कि स्कूल एनसीईआरटी की ओर से तय पाठ्यक्रम से ही पढ़ाएं।
पहले कब-कब जारी हुआ सर्कुलर
इससे पहले ये सर्कुलर दो बार जारी किया जा चुका है। पहली बार 15 सितंबर, 2004 और दूसरी बार 12 सितंबर 2016 को यही आदेश जारी किए गए थे। लेकिन सीबीएसई से संबंधित काफी स्कूल इन आदेशों को नहीं मान रहे थे। जिसके बाद अब सीबीएसई ने सख्त रुख अपनाते हुए ये सर्कुलर फिर से जारी किया है।
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