भोपाल। मध्यप्रदेश में 2011 से लटकी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अब तक चालू नहीं हो पाई है। जुलाई में सीएम शिवराज सिंह ने बयान जारी कर बताया था कि भर्ती प्रक्रिया 15 अगस्त से शुरू हो जाएगी। अब शिक्षामंत्री विजय शाह ने बयान दिया है कि यह प्रक्रिया सितम्बर से शुरू होगी। माना जा रहा है कि आचार संहिता लगने से पहले लास्ट वर्किंग वीक में यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी ताकि मतदान तक परिणाम ना आ पाएं और चुनाव को इसके बुरे प्रभाव से बचाया जा सके।
गुना में स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा है कि सितंबर माह से 62000 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर होगी। सरकार ने व्यापमं को इसके आदेश जारी कर दिए हैं। मंत्री विजय शाह ने भर्ती को लेकर कहा इस बार संगीत और खेल शिक्षकों की भी भर्ती की जाएगी। साथ ही 18000 पद ऐसे अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित रखे जाएंगे, जो 200 दिन या 3 साल अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि नए शिक्षकों की नियुक्ति चुनाव बाद ही हो पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अतिथि शिक्षकों के लिए पदों के आरक्षण की वजह से एससी, एसटी और आेबीसी के लिए आरक्षित पदों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अतिथि शिक्षकों को सामान्य श्रेणी के लिए बचे पदों में ही आरक्षण मिलेगा।
12 लाख उम्मीदवार कर रहे हैं इंतजार
62000 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 12 लाख उम्मीदवार इंतजार कर रहे हैं। सभी बीएड/डीएड पास हैं। हर साल यह संख्या बढ़ती जा रही है जबकि लाखों उम्मीदवार तो इंतजार में ही ओवरएज हो गए। सीएम शिवराज सिंह ने 2013 के चुनाव में वादा किया था कि हर साल भर्ती कराई जाएगी लेकिन एक भी बार नहीं कराई। अब सीएम ने घोषणा की है कि इस भर्ती में
50 प्रतिशत आरक्षण महिलाओं को दिया जाएगा।
20 प्रतिशत आरक्षण अतिथि शिक्षकों के लिए तय किया गया है।
50 प्रतिशत आरक्षण नियमानुसार एससी/एसटी/ओबीसी को दिया जाना है।
इसके अलावा कुछ अन्य प्रकार के आरक्षण भी हैं।
यदि महिलाओं के 50 प्रतिशत को उपरोक्त दोनों में मर्ज कर भी दिया जाए। तब भी सामान्य पुरुष से लिए कितनी सीट बचेंगी, यह बड़ा सवाल है।
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