इंदौर। चिड़ियाघर में एलिफेंट डे सेलिब्रेट किया गया। ज़ू क्यूरेटर निहार पारुलेकर ने इस दिन विज़िटर्स को हाथियों पर बनी एक डाक्यूमेंट्री फिल्म दिखाई गई और हाथियों के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताईं। निहार ने बताया कि हाथी सारा दिन कान हिलाते रहते हैं। ऐसा वे इसलिए करते हैं क्योंकि उनकी विशाल देह में जो ऊष्मा पैदा होती है उसे बाहर करना ज़रूरी है। कान की मांसपेशियों की संरचना ऐसी है कि कान हिलाने पर हाथियों की बॉडी हीट बाहर हो जाती है और तापमान संतुलित रहता है। चूंकि अफ्रीका सबसे गर्म है इसलिए अफ्रीकन हाथियों के कान एशियन हाथियों से बड़े होते हैं।
पढ़िए हाथियों से जुड़ीं ऐसी ही कुछ और रोचक बातें :
•हाथियों की दो प्रजातियां हैं। अफ्रीकन और एशियन।
•विश्व के सबसे बड़े हाथी का वज़न 26,000 पाउंड और ऊंचाई 13 फ़ीट थी । इसे 1956 में अंगोला में मार दिया गया था।
•मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जन्म देती है। इसका गर्भकाल औसतन 22 महीने तक का होता है। 1 प्रतिशत मामलों में जुड़वा बच्चे जन्म लेते हैं। नवजात हाथी की लगभग 83 सेंटीमीटर ऊंचा होता है और वजन 112 किलो तक होता है।
•हाथी अपने पैरों का उपयोग बड़ी चतुराई से करते हैं। जब हाथी चलते हैं तो ज़मीन में एक विशेष प्रकार का कम्पन पैदा होता है। इस कंपन से हाथी दूसरे हाथियों के बारे में जान लेते हैं।
•एक जंगली हाथी का जीवनकाल लगभग 50 से 70 साल का होता है। “लीं वाॅन्ग”, एक एशियाई हाथी, आज तक का सबसे वृद्ध हाथी था जिसकी मृत्यु फ़रवरी 2003 में हुई। वो 86 साल जिया।
•हाथियों के दांत दूसरे स्तनधारियों की तरह नही होते जो बचपन में टूटें और फिर स्थायी दांत आएं। हाथियों के दांतों का गिरकर उगने का चक्र जब तक वे जीवित रहते हैं तब तक चलता है।
•हाथी की सूंड बड़ी होने के बावजूद (लगभग 400 पाउंड्स) भी इतनी निपुण होती है कि, चावल के दाने जैसी छोटी सी चीज भी उठा सकती है।
•हाथी की आंखों की रोशनी कम होती है। वो अपनी सूंड का इस्तेमाल उसी प्रकार करता है, जिस तरह दृष्टिबाधित व्यक्ति लकड़ी का करता है। हाथी चलते वक़्त सूंड से नीचे की ओर फूंकता है, और हवा ज़मीन से टकरा कर वापस आती है, उससे उसे रास्ते और उसकी अड़चनों का अंदाज़ा हो जाता है।
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