BHOPAL: भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज सहित प्रदेश के 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाले इलाज की सुविधाएं अपग्रेड करने के लिए सरकार ने एक्शन प्लान तैयार किया है।इसके तहत विशेषज्ञ डॉक्टर्स को आयुष्मान भारत योजना में इंसेंटिव देने और पेड क्लीनिक शुरू कराने का प्रावधान किया है। इसे अमल में लाने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग के एसीएस ने मध्यप्रदेश मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन की सोमवार को मीटिंग बुलाई है। इस मसले को लेकर बीते महीने मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन ने एसीएस राधेश्याम जुलानिया के साथ मीटिंग की थी। इसमें डॉक्टर्स को अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत पेड क्लीनिक शुरू करने का प्रस्ताव दिया था।
अफसरों के मुताबिक आयुष्मान भारत योजना में पेड क्लीनिक में ओपीडी करने वाले डॉक्टर्स को उनकी फीस की 20 प्रतिशत राशि बतौर इंसेटिव दी जाएगी। इन क्लीनिक्स में डॉक्टर्स को प्राइवेट मरीजों का इलाज करने की भी छूट होगी। मेडिकल कॉलेजों से संबद्ध अस्पतालों में सुपर स्पेशियलिटी शैक्षणिक संवर्ग के तहत नियुक्त होने वाले नए डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। यह प्रावधान राज्य सरकार ने सुपर स्पेशियलिटी शैक्षणिक संवर्ग के आदर्श सेवा नियमों में किया है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कार्डियोलॉजी, गेस्ट्रोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू किए गए हैं। दोनों ही सुपर स्पेशियलिटी हैं और इनमें सुपर स्पेशियलिटी डॉक्टर्स की भर्ती करने हैं।
एमपी मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल को सोमवार को कॉम्प्रेहेंसिव प्लान के साथ बुलाया है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल की तुलना में बेहतर इलाज मुहैया कराने के संबंध में एसोसिएशन से सुझाव मांगे हैं। - राधेश्याम जुलानिया, एसीएस, चिकित्सा शिक्षा विभाग