स्वप्ना बर्मन ने दांत दर्द के बावजूद एशियाई खेलों की हेप्टाथलन में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा। वह इन खेलों में सोने का तमगा जीतने वाली पहली भारतीय हैं। इक्कीस वर्षीय बर्मन ने दो दिन तक चली सात स्पर्धाओं में 6026 अंक बनाए। इस दौरान उन्होंने ऊंची कूद (1003 अंक) और भाला फेंक (872 अंक) में पहला तथा गोला फेंक (707 अंक) और लंबी कूद (865 अंक) में दूसरा स्थान हासिल किया था।
उनका खराब प्रदर्शन 100 मीटर (981 अंक, पांचवां स्थान) और 200 मीटर (790 अंक, सातवां स्थान) में रहा। 7 स्पर्धाओं में से आखिरी स्पर्धा 800 मीटर में उतरने से पहले बर्मन चीन की क्विंगलिंग वांग पर 64 अंक की बढ़त बना रखी थी। उन्हें इस आखिरी स्पर्धा में अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत थी और वह इसमें चौथे स्थान पर रहीं।
इसी स्पर्धा के दौरान वह पिछले साल भुवनेश्वर में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान गिर गई थीं। लेकिन इसमें चौथे स्थान पर रहने के बावजूद वह चैंपियन बनीं.हेप्टाथलन में भाग ले रहीं एक अन्य भारतीय पूर्णिमा हेम्ब्रम 800 मीटर में उतरने से पहले जापान की युकी यामासाकी से 18 अंक पीछे थीं, लेकिन उन्होंने बर्मन से थोड़ा पहले दौड़ पूरी की और ओवरआल 5837 अंक लेकर चौथे स्थान पर रहीं। क्विंगलिंग (5954 अंक) को रजत और यामासाकी (5873) को कांस्य पदक मिला। बर्मन से पहले बंगाल की सोमा बिस्वास तथा कर्नाटक की जेजे शोभा और प्रमिला अयप्पा ही एशियाई खेलों में इस स्पर्धा में पदक जीत पाई थीं। बिस्वास और शोभा बुसान एशियाई खेल (2002) और दोहा एशियाई खेल (2006) में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर रही थीं, जबकि प्रमिला ने ग्वांग्झू (2010) में कांस्य पदक जीता था।