नई दिल्ली। गुजरात में सरकार ने पाटीदार युवा नेता हार्दिक पटेल को उपवास करने की अनुमति तक नही दी। जब हार्दिक पटेल ने अहमदाबाद अपनी ही कार में बैठे-बैठे उपवास करने का ऐलान किया तो यह भी नहीं करने दिया गया। पुलिस आई और हार्दिक पटेल सहित उसके 200 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की इस कार्रवाई से भड़के पाटीदार समाज के लोगों ने सूरत में हंगामा बरपा दिया। कई वाहन तोड़े, सरकारी बसों में आग लगा दी गई।
सूरत में तोड़फोड, आगजनी
सूरत के वराछा इलाके में बस स्टेंड को भी निशाना बनाकर तोड़फोड़ की गई, इस घटना के बाद सूरत पुलिस ने इलाके में पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। सूरत के पुलिस कमिश्नर सतीश शर्मा का कहना है कि हालात फिलहाल काबू में हैं लेकिन जिन लोगों ने इस वारदात को अंजाम दिया है, उन्हें छोड़ा नहीं जायेगा। इन घटनाओं के सामने आने के बाद हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि असामाजिक तत्वों के जरिये सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हर किसी से मेरी विनती है कि शांति बनाये रखे. विरोध अहिंसक होता है, हिंसा को मेरा समर्थन नहीं है।
क्या हुआ घटनाक्रम
बता दें कि हार्दिक पटेल 25 अगस्त से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने वाले थे। इसके लिए उन्होंने अहमदाबाद की चार अलग-अलग जगहों पर उपवास करने की अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से इजाजत मांगी थी। प्रशासन की ओर से उन्हें इजाजत न दिए जाने के कारण उन्होंने रविवार को उसी जगह अपनी गाड़ी में बैठकर एक दिन के सांकेतिक उपवास करने का ऐलान किया था लेकिन हार्दिक के उपवास करने के लिए तयशुदा जगह पहुंचने से पहले ही अहमदाबाद पुलिस की टीम ने उन्हें और उनके करीब 200 साथियों को हिरासत में ले लिया था।
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