जबलपुर। सर्विस चार्ज और मिनिमम बैंलेंस के नाम पर बैंक करोड़ों कमा रहे हैं। एचडीएफसी बैंक पर आरोप है कि उसने 13 माह की अवधि में एक ग्राहक के खाते से सर्विस चार्ज के नाम पर 63 हजार रुपए से ज्यादा काट लिए। जब ग्राहक ने बैंक से कारण पूछा तो उसे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया बल्कि बैंक ने ग्राहक को डराकर चुप कराने की कोशिश की।
मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर शहर में गोलबाजार स्थित एचडीएफसी बैंक का है। दीपक इलेक्ट्रोनिक के संचालक दीपक सेठी ने बताया कि उनके खाते से सर्विस चार्ज के नाम पर 63 हजार 770 रुपए काट लिए गए। यह रकम 13 महीनों में खाते से काटी गई। इसका न तो ग्राहक के पास मैसेज आया और न ही अब बैंक अधिकारी चार्ज कटने का कारण भी नहीं बता पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे इस बैंक खाते का बहुत कम उपयोग करते हैं। उन्होंने न तो बैंक से कोई लोन लिया है न ही सर्विस उपयोग की है। सर्विस चार्ज बताकर इतनी बढ़ी राशि काटने की जानकारी उन्हें तब लगी जो उन्होंने अपना बैलेंस चेक किया।
वे तत्काल बैंक मैंनेजर से मिले और 13 महीने में बिना जानकारी दिए 38 बार सर्विस चार्ज काटने की जानकारी दी। बैंक मैनेजर से भोपाल के अफसरों से संपर्क करने को कहा। भोपाल के वरिष्ठ अधिकारी विकास विजयवर्गीय को इसकी जानकारी दी, लेकिन वे भी सही कारण नहीं बता पाए। उन्हें 30 जुलाई से 14 अगस्त के दौरान 3 रिमांडर भेजे, लेकिन उसका जवाब देने की बजाए उलटे बैंक ने उन्हें दुकान में लगी पीओएस मशीन सरेंडर करने को कहा। जबकि यह मशीन पहले ही उनका बैंक कर्मी ले जा चुका है।
मुझे इसकी जानकारी दी गई थी, लेकिन यह मेरे क्षेत्र में नहीं आता है। इस कारण मामला संबंधित अधिकारी को भेज दिया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है।
प्रभात सक्सेना, मैनेजर, एचडीएफसी बैंक गोलबाजार