नई दिल्ली। हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। जल्द ही आपके दांतों का भी इंश्योरेंस मिलने लगेगा। अब तक इसे हेल्थ इंश्योरेंस से बाहर रखा गया था, लेकिन अब नीतियों में बदलाव हो रहा है। इंश्योरेंस नीतियों के नियम बनाने वाली संस्था इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने हेल्थ पॉलिसी के नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर ली है। IRDAI के नए सर्कुलर के अनुसार जल्द ही आपके दांतों का भी इंश्योरेंस होगा।
हेल्थ इंश्योरेंस के क्षेत्र में बड़ा बदलाव
इंश्योरेंस की नीतियों में बदलाव होने जा रहा है। आईआरडीएआई ने हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। आईआरडीएआई ने अब दांतों का भी बीमा के तहत लाने की तैयारी कर ली है। कहने का मतलब अब आपके हेल्थ इंश्योरेंस में आपके दांत भी शामिल होंगे। इसके अलावा स्टेम सेल, इंफर्टिलिटी और मानसिक बीमारियों को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में शामिल किया गया है।
इंश्योरेंस कवर से हटाए गए 10 आइटम्स
मंगलवार को IRDAI ने नया सर्कलर जारी किया। इस नए सर्कुलर में हेल्थकेयर पॉलिसी के ऑप्शनल कवर से 10 आइटम्स हटा दिए गए हैं। इसमें डेंटल, स्टेम सेल, इंफर्टिलिटी और मानसिक बीमारी शामिल हैं। वहीं IRDAI ने मोटापे, सब-फर्टिलिटी, हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी, साइकोसोमैटिक प्रोसेड्योर, करेक्टिव सर्जरी फॉर रिफ्रैक्टिव एरर, सेक्युअली ट्रांसमिटेड बीमारी, एचआईवी और एड्स जैसी बीमारियों के इलाज पर हुए खर्च को भी ऑप्शनल कवर से बाहर कर दिया है। आईआरडीएआई के नए सर्कुलर जारी होने के बाद दांतों को मेडिकल इंश्योरेंस के भीतर कवर किया गया है।
दांतों के साथ इस बीमारी को मेडिकल कवर के दायरे में
बीमा नियामक कंपनी IRDAI ने नए सर्कुलर के बाद बीमा कंपनियों को निर्देश जारी किया है कि वो मेंटल इलनेस को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर करे। मानसिक बीमारी को बीमा नियामक ने शारीरिक बीमारियों की श्रेणी में शामिल किया है और इसे भी इंश्योरेंस कवर में शामिल करने को कहा है।
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