DATIYA: ग्वालियर संभाग में दतिया जिला अस्पताल में इंजेक्शन लगाने से 25 से ज्यादा मरीजों की तबीयत बिगड़ गई। कारण था नर्स की लापरवाही, अस्पताल में कार्यरत नर्स के एक ही सिरिंज से 25 से ज्यादा मरीजों को इंजेक्शन लगाने से एक मरीज की मौत हो गयी तथा बाकी मरीजों की हालत बिगड़ गयी उन्हें कंपकंपी और घबराहट होने लगी। इसी घबराहट में कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सरनाम सिंह राजपूत के चचेरे भाई की मौत हो गई। बाकी मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई है। घटना सोमवार शाम छह बजे की है।
जानकारी के मुताबिक यह इंजेक्शन वार्ड प्रभारी कमला वर्मा के कहने पर नर्स डी. गौतम ने लगाए थे। सिविल सर्जन डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि नर्स ने मेडिकल वार्ड में भर्ती बुखार और हादसे में घायल मरीजों को सिरिंज बदले बिना (एक ही निडिल) इंजेक्शन लगा दिए। इंजेक्शन लगाते ही तीन वार्डों में भर्ती मरीज कांपने लगे और उन्हें घबराहट होने लगी। इसके पांच से सात मिनट बाद ही ग्राम कुम्हैड़ी निवासी इमरत सिंह (52) की मौत हो गई। इमरत को सोमवार सुबह बुखार के चलते भर्ती कराया गया था। दोपहर 12 से शाम 6 बजे तक उन्हें कोई भी डॉक्टर देखने नहीं पहुंचा। शाम छह बजे नर्स ने इंजेक्शन लगाया और कुछ देर में ही इमरत ने दम तोड़ दिया। इमरत कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सरनाम सिंह राजपूत के चचेरे भाई हैं। बाद में डॉ. शर्मा ने सभी मरीजों को डेकाडोन इंजेक्शन लगवाया, तब मरीजों की हालत स्थिर हुई।
PATIENT की मौत के बाद भाग गए डॉक्टर
इमरत की मौत के बाद सीएस के अलावा ड्यूटी पर तैनात अन्य डॉक्टर भाग गए। सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और मरीजों के परिजन को समझाकर शांत किया। वहीं सरनाम ने भाई की मौत पर थाने में शिकायत कर संबंधित डॉक्टर और नर्स के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की।