नई दिल्ली। पाकिस्तान की राजनीति में रुचि रखने वाले दुनिया के करोड़ों लोगों ने यह कभी नहीं सोचा था कि 2018 में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) को इतनी बड़ी कामयाबी मिलेगी और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान रहे इमरान खान देश के सुल्तान बन जाएंगे परंतु ऐसा हुआ और यह चमत्कार कर दिखाया, एक मोबाइल एप ने। इमरान खान से पाकिस्तान के 50 करोड़ लोग सीधे जुड़े हुए हैं।
पीटीआई ने अपने इस प्लान को काफी दिनों तक गोपनीय रखा ताकि दूसरी पार्टियां इसकी नकल न कर लें। मोबाइल ऐप के जरिए उन लोगों को चुनाव के दिन पोलिंग बूथ तक लाया गया जिन्हें जगह ढूंढने में परेशानी हो सकती थी। नेशनल असेंबली में पीटीआई को 116, नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) को 64 और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) को 43 सीटें मिलीं।
पाकिस्तान में सरकारी फोन सेवा से भी लोगों को मतदान बूथ की जानकारी दी जाती है, लेकिन 25 जुलाई को इस सिस्टम में खराबी आ गई। वहीं, इमरान की विरोधी पार्टियों का आरोप है कि उन्हें पाक आर्मी समर्थन दे रही है।
ऐप और डेटाबेस का जबर्दस्त असर हुआ:
पीटीआई ने चुनाव मे जीत हासिल करने के लिए एक कॉन्स्टिट्यूएंसी मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस) तैयार कराया। पीटीआई नेता असद उमर के निजी सचिव और सीएमएस की एक यूनिट संभालने वाले आमिर मुगल कहते हैं, "ऐप और डेटाबेस का जबर्दस्त असर हुआ। इमरान ने पूरे पाकिस्तान के चुनाव क्षेत्रों में डेटाबेस जुटाने के लिए टीमें तैनात कीं।''
पुरानी गलतियों से सीख ली :
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 2013 के चुनाव में पीटीआई लोकप्रियता के बावजूद जीत नहीं पाई थी। पिछली हार से सबक लेते हुए इमरान ने इस बार एक टेक्नीकल टीम गठित की। वहीं, लोगों का मानना है कि शरीफ का प्रचार काफी बिखरा हुआ था। पीएमएल-एन के कई नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दे दिया गया। नवाज, उनकी बेटी और दामाद को जेल हो गई।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com