नई दिल्ली। देश में यह पहली बार हुआ कि टैक्स एक मुद्दा था और लोगों ने एकराय होकर इसका विरोध जताया। राजस्थान के सबसे बड़े शहरों में से एक कोटा पूरी तरह से बंद रहा। शाम तक बंद रहा। लोगों का गुस्सा इस कदर है कि एक आह्वान पर पूरा शहर बंद हो गया। ना अपील, ना धमकी, ना नेतागिरी और ना जबर्दस्ती। व्यापारी, वकील, समाजसेवी और 10 लाख लोग सब एकजुट हो गए।
इस बंद को शहर के हर वर्ग का समर्थन मिला है। चाहे स्कूल हो, चाहे दुकानें और चाहे ऑटो सभी ने एक सुर में बंद का समर्थन किया है। खास बात यह है कि इस बंद के पीछे किसी राजनीतिक दल का विरोध या महंगाई का मुद्दा नहीं है। ये बंद है बिजली के मनमाने बिलों के खिलाफ था। बिलों में मनमाने टैक्स थोपे गए हैं। बिल अचानक बढ़ गया। शहर में एक आह्वान पर 600 से ज्यादा निजी स्कूलों ने बंद कर दिया। शहर में 150 व्यापार संघ से जुड़ी 40 हजार दुकानों के शटर डाउन हो गए।
अभिभाषक परिषद कोटा ने न्यायालय में भी न्यायिक कार्य के बहिष्कार की घोषणा की। शहर में ऑटो यूनियन भी हड़ताल में शामिल हो गई। यानि यह कि पूरा शहर ही खड़ा हो गया है। सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक पेट्रोल पंप भी बंद रहे। कुल मिलाकर पहली बार सरकार द्वारा दिए गए किसी ठेके, किसी टैक्स, किसी बिल, किसी वसूली के खिलाफ इतना बड़ा बंद सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com