भोपाल। मध्यप्रदेश की 40 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर सक्रिय 'जय आदिवासी युवा संगठन' ने ऐलान किया है कि वो शिवराज सरकार द्वारा आदिवासियों को दिए गए कैंसर वाले जूते चप्पल वापस लौटाएंगे और आदिवासियों को अपनी तरफ से मुफ्त जूते-चप्पल दिए जाएंगे। यह एक बड़ा आंदोलन होगा जब हजारों की संख्या में आदिवासी हाथों में जूते-चप्पल लिए कलेक्टोरेट में जमा कराने पहुंचेंगे एवं पावती लेंगे। जयस के संरक्षक डॉ. हिरा अलावा ने कहा है कि मुफ्त के जूते-चप्पल देकर आदिवासियों को कैंसर के मुंह में झोंकने वाली शिवराज सरकार के खिलाफ प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन किया जाएगा।
बता दें कि शिवराज सिंह सरकार ने 'चरण पादुका योजना' के तहत प्रदेश में 11 लाख 23 हजार पुरुषों को जूते, 11 लाख 11 हजार महिलाओं को चप्पल और सभी 22.35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को पानी की बोतल बांटने का लक्ष्य तय किया है। इनमें से आठ लाख 14 हजार पुरुषों को जूते और 10 लाख 20 हजार महिलाओं को चप्पल बांटी जा चुकी हैं। इनमें से जूतों के इनर सोल में कैंसर पैदा करने वाले रसायन एजेडओ की पुष्टि हुई है। मप्र राज्य लघु वनोपज संघ ने ही जूतों की जांच करवाई थी। सूत्र बताते हैं कि जांच रिपोर्ट आने से पहले ही वनोपज संघ ने जूते बांट दिए।
आदिवासियों के पैसे से ही खरीदे गए थे जूते-चप्पल
यहां बता दें कि शिवराज सिंह सरकार ने 'चरण पादुका योजना' नाम जरूर दिया परंतु इस योजना के लिए सरकार ने कोई बजट तय नहीं किया था। योजना के तहत बांटे गए जूते-चप्पल और दूसरी सामग्री तेंदुपत्ता संग्राहकों के बोनस के पैसे से ही खरीदी गई थी। दरअसल, तेंदुपत्ता संग्राहकों के बोनस के पैसों का एक भाग उनके विकास कार्यों में लगाने के लिए सरकार द्वारा बचा लिया जाता है। अब तक की सरकारें इस पैसे से तेंदुपत्ता संग्राहकों के लिए दूसरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराया करती थी। इस बार चुनावी साल के चलते 'चरण पादुका योजना' नाम दिया गया और जताया गया कि यह सरकार की तरफ से बोनस के अतिरिक्त दिया जा रहा है।
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