खरगोन। यह घर सामान्य वर्ग का है। राजनैतिक पार्टियां वोट मांगकर हमें शर्मिंदा ना करें। ऐसे शब्दों के पर्चे शहर की आदर्श नगर, जानकी नगर, यमुना कुंज और वसंत विहार के घरों के बाहर लगे हैं। एट्रोसिटी एक्ट के विरोध कर रहे हैं। विजयपालसिंह मंडलोई, प्रियंका बड़ोले, सुनीता जोशी ने कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण मिलना चाहिए। राजनैतिक लोग वोट के लिए सामान्य वर्ग को प्रताड़ित कर रहे हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट के संदर्भ में दाखिल एक याचिका में लम्बी सुनवाई के बाद फैसला दिया था कि एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों की जांच से पहले आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक गाइड लाइन भी जारी की थी। बाद में दलितों ने देश भर में विरोध प्रदर्शन किया। कई जगह हिंसक प्रदर्शन भी हुए और फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने एससी/एसटी एक्ट में संशोधन करके सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी कर दिया।
सामान्य वर्ग भड़क गया है
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हैं। सामान्य वर्ग भड़क गया है। उसने तय कि इस बार नोटा को वोट दिया जाएगा। एससी/एसटी एक्ट में संशोधन भाजपा की सरकार ने किया और कांग्रेस ने इसका विरोध नहीं किया अत: सामान्य वर्ग अब दोनों दलों को वोट नहीं देगा। बता दें कि सामान्य वर्ग भाजपा का वोटबैंक माना जाता है परंतु कांग्रेस को भी बड़ी संख्या में वोट करता है। इस बार आदिवासी वोट जयस और ऐसे ही कुछ प्रभावशाली दलों के साथ हैं। दलित वोट बीएसपी के साथ नजर आ रहा है। यदि सामान्य वर्ग डटा रहा तो चुनाव की सूरत ही बदल जाएगी।
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