भोपाल। भाजपा की फायरब्रांड कही जाने वाली उमा भारती अब सहमी सहमी सी रहतीं हैं। कुछ भी बोलने से पहले 100 बार सोचतीं हैं। यदि इसके पीछे कोई कारण है तो वह है मध्यप्रदेश और शिवराज सिंह की राजनीति। उमा भारती को मध्यप्रदेश में जो कुछ सहना पड़ा। शायद ही किसी दिग्गज नेता के साथ ऐसा हुआ होगा परंतु अब एक बार फिर उमा भारती का मध्यप्रदेश में सम्मान किया जाएगा। भाजपा उन्हे मंच उपलब्ध कराने जा रही है। सीएम शिवराज सिंह उनके साथ मंच शेयर करेंगे। टारगेट है, लोधी वोट। लोधी समाज के वोटरों को लुभाने के लिए लोधी समाज का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 17 अगस्त को वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी के जन्मोत्सव में नरसिंहपुर के जनपद मैदान में मनाया जाएगा। इसी महासम्मेलन में सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम उमा भारती के साथ मंच साझा करेंगे।
अछूतों की तरह दूर कर दिया था उमा भारती को
याद दिला दें कि भारतीय जनशक्ति पार्टी के भाजपा में विलय के बाद उमा भारती एवं उनके सभी समर्थक भाजपा में आ गए थे परंतु इस बार भाजपा में उन्हे वह सम्मान नहीं मिला जो पहले हुआ करता था। उमा भारती को तो मध्यप्रदेश की राजनीति में अछूत की तरह दूर कर दिया गया था। हालात यह थे कि लोग चोरी छुपे उमा भारती से मिलने जाया करते थे, कहीं सीएम शिवराज सिंह को पता ना चल जाए। उमा भारती के फोन रिसीव नहीं किए जाते थे। उमा भारती की चिट्ठियों पर ध्यान नहीं दिया जाता था। यहां तक कि उमा भारती की कुछ चिट्ठियां लीक कर दी गईं थीं। बहुत लम्बी लिस्ट है, संक्षिप्त में केवल इतना कि बार-बार यह जताया गया कि उमा भारती के लिए मध्यप्रदेश में अब कोई स्थान शेष नहीं है।
मध्यप्रदेश में लोधी समाज का असर
-लोधी समाज के मतदाताओं की संख्या 80 लाख से ज्यादा है।
-बुंदेलखंड समेत पूरे प्रदेश में लोधी समाज प्रभाव है।
-समाज 90 सीटों पर चुनावी गणित को बदलने की ताकत रखता है।
-उमा भारती को लोधी समाज का सबसे बड़ा नेता माना जाता है।
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