भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 4 से 6 अक्टूबर के बीच लग सकती है। जबकि चुनाव 26 से 30 नवंबर के बीच होने की संभावना है। मध्यप्रदेश के साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव साथ होंगे। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि यह समय चुनाव की दृष्टि से सबसे अनुकूल है। पार्टियां चाहती हैं कि वोटिंग से पहले ही दिवाली (7 नवंबर) और ईद (21 नवंबर) के त्योहार हो जाएं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मतदान में हिस्सा ले सकें।
मध्यप्रदेश में एक और छत्तीसगढ़ में दो चरणों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में आयोग ने 4 अक्टूबर 2013 को चुनावी कार्यक्रम जारी किया था। अधिसूचना एक नवंबर और वोटिंग 25 नवंबर 2013 को हुई थी। सूत्रों का कहना है कि इन्हीं तिथियों के आसपास इस बार भी आचार संहिता लगने की संभावना है। वोटिंग भी 26 से 30 नवंबर के बीच हो सकती है। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन भरने का काम शुरू हो जाएगा। इधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी 17 सितंबर से मप्र में चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं, जबकि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 25 सितंबर को जंबूरी मैदान में हो रहे कार्यकर्ता महाकुंभ से चुनावी अभियान का ऐलान करेंगे।
प्रचार के लिए समय बढ़ाने पर विचार
राजनीतिक दल चुनाव प्रचार के लिए आयोग से अधिक समय मांग रहे हैं। प्रेक्षकों के मुताबिक अभी तक नाम वापसी से लेकर वोटिंग तक 15 दिन का वक्त प्रचार के लिए मिलता है। इसे 20 दिन करने की मांग हो रही है। आयोग भी सहमत है, पर वह कितना समय देगा, इस पर विचार किया जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत से चुनाव कार्यक्रम को लेकर पूछे गए सवाल को यह कहकर टाल दिया कि जब भी कोई बात तय होगी तो सबसे पहले मीडिया को इसकी जानकारी देंगे।
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