आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने कहा: अब शाबाशी नहीं, न्यूनतम वेतन चाहिए | MP EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। अब प्रोत्साहन राशि से काम नहीं चलेगा। सरकार आशा-ऊषा को न्यूनतम वेतन दें। यह मांग रविवार को राजधानी के गांधी भवन के मोहनिया हाल में हुए राज्य सम्मेलन में आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने रखी। सम्मेलन में हरियाणा आशा वर्कर्स यूनियन की राज्य सचिव सुरेखा सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकारें प्रोत्साहन राशि देकर आशा-ऊषाओं का शोषण कर रही है जो मानव अधिकारों के खिलाफ है। सरकारें इनके माध्यम से विभागीय योजनाओं का पालन करवा रही हैं। महिलाएं भी इस उम्मीद में काम कर रही हैं कि आने वाले समय में उचित फायदा मिलेगा। फिर भी सरकारें ध्यान नहीं दें रही हैं। 

उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकार पर महिलाओं ने दबाव बनाया है जिसके बाद सरकार कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्यकर्मी बनाने की तरफ सोच रही है। वेतन तय करने की मांग भी लगातार की है। मप्र सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो मप्र में भी आंदोलन तेज किया जाएगा। सम्मेलन में सीटू के अध्यक्ष एटी पदनाभन ने गुना में आशाओं की सेवा समाप्त करने, कारण बताओ नोटिस जारी करने का विरोध किया। सम्मेलन में 9 अगस्त को देशव्यापी सत्याग्रह आंदोलन, 14 अगस्त को रात जागरण आंदोलन व 5 सितंबर को दिल्ली पहुंचकर प्रदर्शन करने की रूपरेखा जारी की।

रविवार को राजधानी भोपाल में आजाद अध्यापक संघ की बैठक हुई। अध्यक्ष भरत पटेल ने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व शिक्षा मंत्री से मिलकर उन्हें कमियों से अवगत कराएंगे। उन्होंने राजपत्र का हवाला देते हुए कहा कि कुछ कमियां है जिनमें सुधार होने पर अध्यापकों को फायदें होंगे। बैठक में जावेद खान, मनीष शर्मा, अजय बख्शी, हरिशंकर सिंह, विजय सिंह आदि मौजूद थे।
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