भोपाल। गुटों में बिखरी कांग्रेस को एक सूत्र में पिरोने का दावा करने वाले कमलनाथ की असली हालत क्या है, यह इस शपथपत्र से पता चलता है। कमलनाथ इन दिनों मध्यप्रदेश में टिकट के दावेदारों से एक विशेष प्रकार का बॉन्ड भरवा रहे हैं। दावेदारों को शपथपत्र पर लिखकर यह वचन देना पड़ रहा है कि टिकट किसी को भी मिले, वो विरोध नहीं करेंगे। राहुल गांधी के सामने मप्र के सभी दिग्गजों को साधने का दम भरने वाले कमलनाथ पहले गठबंधन के लिए तड़प रहे थे, अब बगावत से घबरा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने ये निर्णय लिया है और 100 रुपये के स्टाम्प पर टिकट के दावेदारों से शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। बता दें कि मध्य प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री हैं। मिस्त्री 2013 के चुनाव में भी स्क्रीनिंग कमेटी के चीफ थे। इस बार वो कह रहे हैं कि उनके पास पिछला अनुभव है इसलिए कांग्रेस को फायदा पहुंचाएंगे।
क्यों बगावत करते हैं दावेदार
सबसे बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस में दावेदार बगावत क्यों करते हैं। इसके कई कारण हैं:
पार्टी के बड़े नेता दावेदारों से संवाद स्थापित नहीं करते।
जिसे टिकट दिया जाता है, दावेदारों को उसके अनुसार काम करने के आदेश दिए जाते हैं।
दावेदारों का कोई सम्मान नहीं होता।
दावेदारों को विकल्प भी नहीं दिया जाता।
टिकट वितरण में मनमानी की जाती है, दावेदारों का पक्ष नहीं सुना जाता।
यह जताने के लिए कि मेरा दावा सही है, दावेदार बगावत कर जाता है।
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