मप्र के दरिंदों को सजा-ए-मौत दिलाने वाले पुलिस अधिकारी सम्मानित | MP NEWS

भोपाल। बालिकाओं के साथ होने वाले रेप, हत्या, और अन्य यौन अपराधों में अपराधियों को कठोर सजा एवं मृत्युदंड दिलाने वाले पुलिस, एफएसएल और अभियोजन अधिकारियों को सम्मानित किया ​गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित एक समारोह में इन अफसरों को सम्मानित किया। 

राज्य विधानसभा द्वारा दंड विधि (मप्र संशोधन) विधेयक 2017 पारित किया गया है। विधेयक के मुख्य प्रावधानों में 12 साल से कम आयु की बालिकाओं के साथ होने वाले बलात्कार में मृत्युदंड के प्रावधान के साथ ही ऐसे अपराधों में जमानत के संबंध में कठोर प्रावधान भी शामिल हैं। रेप के मामले में मृत्युदंड का प्रावधान करने वाला मप्र देश का पहला राज्य है। हाल ही में हुई घटनाओं में आरोपियों को मृत्युदंड की सजा दिलाने वाले अफसरों को सम्मान किया गया। 

इनका हुआ सम्मान

ग्वालियर के कंपू थाना क्षेत्र में छह साल की बच्ची से रेप के बाद हत्या करने वाले आरोपी को 27 जुलाई को कोर्ट ने मात्र 13 दिन में मृत्युदंड की सजा सुनाई। जिसमें ग्वालियर के एसपी नवनीत भसीन, एफएसएल अधिकारी अखिलेश भार्गव, डीपीओ अब्दुल नसीम, तत्कालीन थाना प्रभारी कंपू महेश शर्मा, सब इंस्पेक्टर बीएल यादव, हवलदार बलवीर सिंह कौरव और गुलशन सोनकर शामिल हैं।

इंदौर के थाना सराफा में आरोपी नवीन उर्फ अजय ने 4 माह की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। कोर्ट ने सात में आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई। विवेचना पूरी कर सजा दिलाने में अहम भूमिका डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा, थाना प्रभारी भंवरकुआं शिवपाल सिंह कुशवाह, वरिष्ठ वैज्ञानिक सीन आफ क्राइम डॉ. बाबूलाल मंडलोई, जिला अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख, एएसआई रविराज बैस शामिल हैं।

धार के थाना मनावर में आरोपी ने चार साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी थी। आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। इस मामले में एसपी धार वीरेंद्र सिंह, तत्कालीन एएसपी राय सिंह नरवरिया, एएसपी डॉ. आनंद सिंह वास्कले, एफएसएल अधिकारी पिंकी मेहरडे, एजीपी शरद पुरोहित, सीएसपी संजय रावत और सब इंस्पेक्टर ईलाप सिंह मुजाल्दे शामिल हैं।

सागर के दो मामलों पहले थाना बांदरी के आरोपी सुनील आदिवासी और थाना रेहली के आरोपी भग्गी उर्फ भागीरथ द्वारा बच्चियों की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। दोनों ही आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है। दोनों मामलों की विवेचना पूरी कर आरोपियों को सजा दिलाने वाले अधिकारियों में एसपी सत्येंद्र शुक्ला, एसडीओपी बीपी समाधिया, इंस्पेक्टर रामअवतार चौरहा,एजीपी पीएल रावत, सब इंस्पेक्टर दशरथ प्रसाद दुबे, प्रीति जैन, एसडीओपी खुरई रवि भदौरिया, वैज्ञानिक अधिकारी पंकज पाटीदार, एजीपी खुरई बलजीत सिंह राजपूत और सब इंस्पेक्टर जितेंद्र वैष्णव शामिल हैं।

शहडोल के थाना कोतवाली में चार साल की बच्ची की हत्या के मामले में आरोपी विनोद उर्फ राहुल को मृत्युदंड की सजा हुई है। इस मामले में तत्कालीन एसपी सुशांत सक्सेना, इंस्पेक्टर कमलेंद्र सिंह कर्चुली, सब इंस्पेक्टर रजनी नागभिए, लोक अभियोजन अधिकारी विश्वजीत पटेल और एफएसएल अधिकारी एसपी सिंह शामिल हैं।

मंदसौर में बच्ची की रेप के बाद हत्या के मामले में आरोपी मृत्युदंड की सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एसपी मनोज सिंह, एएसपी सुंदर सिंह कनेश, सीएसपी राकेश मोहन शुक्ल, डीएसपी (महिला अपराध) लक्ष्मी सेतिया, थाना प्रभारी पिपलिया मंडी कमलेश सिंगार, थाना प्रभारी एजेके पुष्पा सिंह चौहान, सब इंस्पेक्टर सुरेंद्र सिसोदिया और सिपाही कमलपाल शामिल हैं।
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