भोपाल। सीएम शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 10 लाख आदिवासियों को कैंसर के कैमिकल वाली चप्पलें बांट दीं। मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों से ये चप्पलें पहनाई हैं। अब जबकि लैब रिपोर्ट सामने आ गई तो सरकार ने अटपटा सा बयान दिया है। वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि जितने भी जूता चप्पल बांटा गया है, उसमें बिलकुल भी खतरनाक रसायनिक पदार्थ नहीं पाया गया है, जिससे किसी तरह का खतरा हो।
शेजवार ने कहा हमने निर्धारित प्रक्रिया के तहत टेंडर कराए और फिर जूता चप्प्ल खरीदी की गई। हमने 11 लाख जोड़ी जूते-चप्पल खरीदे, इसमें चर्म रोग अनुसंधान संस्थान, चेन्नई की रिपोर्ट आने के बाद 2.35 लाख जूते रिजेक्ट कर दिए गए हैं। दो लाख एजेडओ केमिकल के कारण और 35 हजार खराब क्वालिटी के कारण रिजेक्ट हुए हैं। हमने कंपनी को 2 लाख जूते चप्पलों में सुधार करके देने को कहा है, इसके साथ ही 35 हजार जूते पूरी तरह से बदलने के लिए कहा गया है।
वितरण शुरू करने के बाद कराई गई जांच
सरकार ने जूते-चप्पल बांटने का काम 22 मई से शुरू कर दिया था, जबकि केन्द्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान को जांच के लिए सैंपल 18 जून को भेजे गए। 27 जून को संस्थान ने रिपोर्ट में बताया कि इन जूते-चप्पल से पहनने वालों को कैंसर होने की आशंका है। मप्र लघु वनोपज संघ अध्यक्ष महेश कोरी का कहना है कि जांच रिपोर्ट क्या आई है मुझे नहीं पता। खरीदी के समय अधिकारियों ने कहा था कि जूते-चप्पल स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित हैं।
कमलनाथ ने कहा, कमीशनखोरी के लिए बांटे गए जूते-चप्पल
जूते-चप्पल बांटने की योजना कमीशनखोरी के लिए की गई। ये बेहद शर्म की बात है और इसकी बड़ी जांच होनी चाहिए, लाखों तेंदुपत्त संग्राहक आदिवासी भाई-बहनों को शिवराज सरकार द्वारा बांटे गये जूते-चप्पलों में केंद्रीय चर्म संस्थान की रिपोर्ट मे कैंसर की संभावना वाले रसायन के मिलने का खुलासा, चिंतनीय, आखिर जान से खिलवाड़ की इजाजत कैसे?
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