भोपाल। भाजपा ने अपने सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं से कहा है कि वो तथ्यों के साथ अफवाहों का खंडन करें। बता दें कि पिछले कुछ सालों में सोशल मीडिया पर मॉब लिंचिंग हो रही है। संगठन विशेष के लोग किसी आरोप या अफवाह का तथ्यपरक खंडन नहीं करते बल्कि संबंधित केे खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग शुरू कर देते हैं। एक प्रतिष्ठित पिता की बेटी को तो 'रंडी' तक कहा गया। इससे भाजपा को काफी नुक्सान भी हुआ। अब भाजपा इस मामले में अपनी इमेज बदलने की कोशिश कर रही है।
सोमवार को भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविचार नेताम ने प्रदेश कार्यालय पं. दीनदयाल परिसर में आयोजित अनुसूचित जनजाति मोर्चा पदाधिकारियों और सोशल मीडिया प्रतिनिधियों के बैठक को संबोधित किया। नेताम ने अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया की ताकत दिनों दिन बढ़ती जा रही है। अब तो चुनाव भी सोशल मीडिया की ताकत से जीते जाने लगे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे एक तरफ केंद्र और प्रदेश की सरकारों की जनकल्याणकारी योजनाओं का सोशल मीडिया पर प्रसार करें, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की कमियों को भी सोशल मीडिया पर उजागर करें।
श्री नेताम ने कहा कि सिर्फ पोस्टरवार के दम पर कोई नेता नहीं बन सकता। इसके लिए जनता के बीच जाना, उनकी लड़ाई लड़ना और उनकी परेशानियों में भागीदार बनना जरूरी है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री श्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि बूथ स्तर पर महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत बताते हुए हर बूथ पर कम से कम पांच-पांच महिलाओं को मोर्चे से जोड़ने के निर्देश दिए। उन्होंने मोर्चा प्रतिनिधियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में आदिवासी समुदाय के महापुरुषों से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करें।
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