भोपाल। सीएम शिवराज सिंह 'मध्यप्रदेश में अमेरिका से अच्छी सड़कें' वाला बयान देकर फंस गए हैं। वो इस बयान को कम से कम 100 बार दोहरा चुके हैं और लोग इसी बयान को फोकस करते हुए मप्र की घटिया सड़कों के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने भी मप्र की सड़कों को देश की तीसरी सबसे घटिया सड़कें करार दिया है। सिर्फ उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र, इस मामले में मप्र से आगे हैं।
गढ्ढों के कारण मर गए 1385 लोग
सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने ख़राब सड़कों के कारण हो रही दुर्घटनाओं और मौतों को बेहद गंभीरता से लिया है। 2013 से लेकर प्रदेश 2017 तक कुल 1385 लोगों की मौत सड़कों में गढ्ढों के कारण हुई। कमेटी ने अब इस वजह से 4 सितंबर को पीडबल्यूडी, परिवहन और नगरीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिवों को दिल्ली तलब किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने आला अफसरों को तलब किया
मध्य प्रदेश के अफसर अब सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी के सामने पेश होंगे। बैठक में सड़कों की खस्ता हालत के बारे में अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही सड़कों की मरम्मत से लेकर रोड एक्सीडेंट में कमी लाने के लिए क्या प्रयास हो सकते हैं, इस बारे में अपना प्लान रखेंगे। सुप्रीम कोर्ट की रोड सेफ्टी कमेटी ने आंध्रप्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश के अफसरों को भी तलब किया है। बैठक में खराब सड़क के कारण होने वाली दुर्घटना के साथ पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की प्रक्रिया पर भी चर्चा होगी।
मध्य प्रदेश में कब कितनी मौतें
2017 में नेशनल हाईवे पर 2063 एक्सीडेंट हुए इसमें 2564 लोगों की मौत हुई।
2017 में स्टेट हाईवे पर 2666 दुर्घटनाएं हुईं इनमें 3040 लोग मारे गए।
प्रदेश की अन्य ख़राब सड़कों पर 443 एक्सीडेंट में 420 लोगों की मौत हुई।
3602 सड़क दुर्घटनाएं और भी हुईं जिनमें 3622 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।
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