भोपाल। यदि कमलनाथ के बयान पढ़ें तो लगता है कि वो शिवराज सिंह के पीछे पड़ गए हैं परंतु कागजी कार्रवाई देखें तो समझ आता है कि अब भी दोस्ती निभा रहे हैं। पिछले 3 महीने में कमलनाथ ने दर्जनों बार शिवराज सिंह के 300 करोड़ के विज्ञापनों पर बयान दिया लेकिन सिर्फ बयान दिया। आम आदमी पार्टी मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार समेत 6 राज्यों को नोटिस जारी कर दिया है।
बीते दिनों आम आदमी पार्टी के विधायक संजीव झा ने अपनी याचिका में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के उल्लंघन का मसला उठाया था। उन्होंने कहा है कि भाजपा शासित राज्यों में सरकारें राजनीतिक हस्तियों के प्रचार के लिए सरकारी खजाना खर्च करके विज्ञापन कर रहीं हैं जबकि यह पैसा सरकारी योजनाओं के प्रचार के लिए होता है। उनमें जनता के पैसों का दुरुपयोग हो रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का उल्लंघन है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सार्वजनिक विज्ञापन जारी करने में शीर्ष अदालत के निर्देशों का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में केंद्र, भाजपा और छह राज्यों को नोटिस जारी किया। जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड का नाम भी शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और भाजपा समेत छह राज्यों को नोटिस जारी किया है। नोटिस में बताया गया है कि एमपी समेत यूपी, राजस्थान, तेलंगाना, झारखंड में सरकारी विज्ञापनों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन नही किया गया। कोर्ट ने राज्यों की सरकारों को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में इसका जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई सितंबर के आखरी सप्ताह में होगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के बड़े बड़े फोटो वाले विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद गाइड लाइन जारी की गई थी। यह गाइड लाइन के उल्लंघन का मामला है।
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