भोपाल। शिवराज सरकार के मंत्री जालम सिंह पटेल ने अवैध रेत खनन के मुद्दे पर अटपटा और अस्पष्ट सा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विकास कार्य होंगे तो रेत की जरूरत तो पड़ेगी ही। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि मशीनों से रेत नहीं निकाली जानी चाहिए, फिर कहा कि चिल्लाने से, तकनीक तो खत्म नहीं हो जायेगी।
बता दें कि जबलपुर में कांग्रेस समन्वय समिति सीसीसी चेयरमैन, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद दिग्विजय सिंह ने राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल पर आरोप लगाया था कि वो और उनका परिवार अवैध रेत खनन कर रहे हैं। जालम सिंह इसी का जवाब देने प्रेस के सामने आए थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में विकास कार्य होते ही नहीं थे, तब केवल बड़े लोगों के मकान बनते थे, पर आज जब गरीबों के मकान बनाये जा रहे हैं तो कांग्रेस रेत निकालने को अवैध खनन का नाम दे रही है।
राज्यमंत्री जालम सिंह पटेल ने दिग्विजय को मानहानि का नोटिस भी भेजा है। वहीं अपने ऊपर लगे आरोपों पर सफाई देते हुए जालम सिंह ने कहा कि उनका रेत खदान का कोई कारोबार नहीं है, उनके नाम से भी रेत खदानों का कोई कारोबार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में उन पर लगाये गये सभी आरोप बेबुनियाद हैं।
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में प्रदेश में विकास कार्य ही नहीं होते थे, इसलिये रेत की जरुरत ही नहीं पड़ती थी। लेकिन, वर्तमान शिवराज सरकार में प्रदेश में विकास कार्य किये जा रहे हैं। ऐसे में इन कार्यों को पूरा करने के लिये रेत की आवश्यकता तो पड़ेगी ही। उनकी तो कोशिश है कि नदियों में से मशीनों से रेत न निकाली जाये क्योंकि इससे पर्यावरण को हानि पहुंचती है। तकनीक के कारण नदियां, पहाड़ और जंगल सब नष्ट होते जा रहे है। पर कितना भी चिल्लाते रहें, तकनीक तो खत्म नहीं हो जायेगी।
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