भोपाल। भगवान ने भाई बहन का पवित्र रिश्ता बनाया है। इस रिश्ते के साथ मैं प्रदेश की महिलाओं को सशक्त करने के लिए काम कर रहा हूँ। मैंने जब से होश संभाला महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है और जब तक शरीर में जान है तब तक प्रदेश की बहनों के लिए काम करता रहूँगा। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आज मुख्यमंत्री निवास पर ‘कमल शक्ति’ के संवाद समारोह में कही। इस समागम में प्रदेश के ग्वालियर चंबल, जबलपुर, शहडोल, सागर और इंदौर संभागों से आई सैकड़ों बहनें शामिल हुईं।
मुख्यमंत्री निवास पर कमल शक्ति अभियान के संबंध में आयोजित महिला समागम का शुभारंभ डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय, स्व.अटलबिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया के चित्रों के समक्ष दीप जलाकर किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री श्री सुहास भगत, मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती साधना सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस, पार्टी की प्रदेश मंत्री श्रीमती कृष्णा गौर एवं महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती लता एलकर ने दिवंगत नेताओं को पुष्पांजलि अर्पित की।
बेटी को बोझ की जगह वरदान बनाया
सम्मेलन में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि प्रारंभ से ही समाज में पुरूष प्रधान मानसिकता हावी रही, जिसे मैने बचपन में देखा और तभी से इस भेद को खत्म करने की एक अलग तड़प जागी। मैंने तय किया कि बेटी को बोझ नहीं वरदान बनाना है और जब मुख्यमंत्री बना तो सबसे पहले कन्या विवाह और लाडली लक्ष्मी योजना बनाकर बेटी को वरदान बनाया। उन्होंने बताया कि आज 29 लाख 90 हजार लाडली लक्ष्मी बेटियां हो गयी है। यह बेटियां जब बड़ी होंगी तो इन्हें 35 हजार करोड़ रूपए मिलेंगे।
स्थानीय निकायों में आरक्षण से क्रांतिकारी परिवर्तन आया
मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ उनका राजनीतिक विकास भी जरूरी है। इसके लिए हमने सभी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण किया है। आज यह बहनें सफलता के साथ स्थानीय सरकार चला रहीं हैं। बहनों को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के बाद क्रांतिकारी परिवर्तन आए है। यह मध्यप्रदेश के राजनैतिक इतिहास में बड़ी घटना है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने शिक्षा विभाग में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत एवं अन्य विभागों (वन विभाग को छोड़कर) में 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटियों के दरिंदों को फांसी देने का कानून बनाया और प्रदेश में अब तक 13 दरिंदों को सजा सुनाई जा चुकी है।
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