भोपाल। मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार चुनावी तैयारियों में लगी हुई है। नए वोट लुभाने के लिए संबल योजना चलाई जा रही है तो नाराज वोटर्स को मनाने के उपक्रम भी जारी हैं। मध्यप्रदेश के नाराज समुदायों में किसानों के बाद बेरोजगारों का नंबर आता है। पिछले 5 सालों में उनके साथ कई स्तर पर ठगी हुई है। रिक्त पदों पर भर्ती नहीं की गईं और जो हुईं उनमें बाहरी उम्मीदवारों की थोकबंद भर्तियां की गईं। अब सरकार ने एक चुनावी भर्ती योजना तैयार की है। कहा जा रहा है कि आचार संहिता लागू होने से पहले करीब 1 लाख रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी।
किन किन विभागों में निकल रहीं हैं भर्तियां
संविदा शिक्षक भर्ती की कई बार गलत तारीखें बता चुके शिक्षा विभाग के राज्यमंत्री दीपक जोशी ने इस बार शिक्षकों के 70 हजार रिक्त पदों पर भर्ती का ऐलान किया है। इसके अलावा उन्होंने ही बताया है कि सरकार पुलिस, होमगार्ड जैसे विभिन्न पदों पर भी नौकरी के अवसर दे सकती है। कहा जा रहा है कि इसके अलावा जेल प्रहरी, वन रक्षक और एमपी पीएससी मिलाकर कुल 1 लाख रिक्त पदों पर भर्ती की योजना बनाई गई है।
बेरोजगारों से 150 करोड़ रुपए कमाएगी सरकार
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, भोपाल एक भर्ती परीक्षाएं आयोजित करने वाले सरकारी संस्थान से कहीं ज्यादा सिर्फ परीक्षा की तारीख और रिजल्ट घोषित करने वाली ऐजेंसी बनकर रह गया है जो मोटी फीस वसूलता है। पिछले 5 साल में हुईं भर्तियों के अनुसार 1 रिक्त पद के लिए औसत 40 उम्मीदवार आवेदन करते हैं। इस बार एक साथ 1 लाख पदों पर भर्ती हुई तो यह औसत कुछ कम हो जाएगा। इसे प्रति रिक्त पद 25 मान लेते हैं। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड एक परीक्षा के लिए 600 से 1200 रुपए तक परीक्षा फीस लेता है। आरक्षित वर्ग का समायोजन करने के बाद यदि प्रति पद केवल 600 रुपए औसत मान लिया जाए तो मात्र अगस्त सितम्बर में शुरू होने वाली आवेदन प्रक्रिया से सरकार को 150 करोड़ रुपए की कमाई होगी।
कहीं चुनावी जुमला तो नहीं होगी यह बंपर भर्ती
सरकारी नौकरियों के मामले में मप्र शासन का रिकॉर्ड अच्छा नहीं है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड परीक्षा सिर्फ परीक्षा की तारीख और रिजल्ट घोषित करता है। विभाग नियुक्तियां ना दे तो बोर्ड उम्मीदवारों के हितों की रक्षा नहीं करता। पिछले 5 सालों में ऐसी कई परीक्षाएं हुईं जिनके परिणाम ही जारी नहीं हुए। सर्वेक्षण सहायक के परिणाम जारी हुए लेकिन आज तक नियुक्तियां नहीं हुईं। सितम्बर में बंपर भर्तियां आ रहीं हैं। अक्टूबर के पहले सप्ताह में आचार संहिता लग जाएगी। मतदान से पहले इन भर्तियों के परिणाम नहीं आएंगे। कहीं यह भर्ती भी चुनावी जुमला तो नहीं जो बाद में रद्द हो जाएगी।
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