भोपाल: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि मैंने व्यापमं घोटाले के आरोपी की डायरी में पीएससी भर्ती कांड में ‘मामा’ और ‘वीआईपी’ का नाम आने के बाद पहले ही कहा था कि एक और घोटाला सामने आने वाला है। सहायक प्राध्यापकों की भर्ती का यह घोटाला प्राथमिक रूप से अब सामने आने लगा है। शिवराजसिंह इसकी जांच करायें और तब तक परिणाम स्थगित करें, अन्यथा कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इन सभी नियुक्तियों की जांच की जायेगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
कमलनाथ ने कहा है कि लोक सेवा आयोग द्वारा प्रदेश में लगभग साढ़े तीन हजार प्राध्यापकों की भर्ती की जा रही है। यह भर्ती केवल लिखित परीक्षा के आधार पर हो रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कि किसी राजपत्रित पद पर भर्ती में कोई इन्टरव्यू नहीं लिये गये। यदि इन्टरव्यू होते तो अन्य हजारों उम्मीदवारों को भी कम से कम एक मौका तो मिलता। इसमें एक बड़े षड्यंत्र की बू आ रही है। श्री नाथ ने कहा कि पीड़ित आवेदक अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं और पहले भी इस भर्ती के संबंध में अनेक याचिकाएं लगी हुई हैं। चयन प्रक्रिया में दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों को लाभ देने के मामले सामने आने लगे हैं।
कमलनाथ ने कहा कि पीएससी के परीक्षा नियंत्रक बेशर्मी से कहते हैं कि गलती की गुंजाइश सब जगह रहती है। यह गलती नहीं, बेरोजगारों के साथ धोखा है। परीक्षा में सामान्य ज्ञान की परीक्षा भी नहीं ली गयी। इसका फायदा भी बाहर के उम्मीदवारों को मिला, क्योंकि सामान्य ज्ञान में अधिकतर प्रश्न मध्यप्रदेश से संबंधित पूछे जाते हैं। पदों में 75 प्रतिशत चयन दूसरे प्रदेश के अभ्यर्थियों का हुआ है। इस तरह शिवराजसिंह सरकार ने एक बार फिर प्रदेश के युवा बेरोजगारों को ठगा है।
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