कोलकाता। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे 89 साल के थे। उन्हें किडनी की बीमारी के बाद 9 अगस्त को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती किया गया था। 2008 में माकपा ने भारत-अमेरिका सिविल न्यूक्लियर डील के मुद्दे पर यूपीए सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। इस दौरान चटर्जी ने बतौर लोकसभा स्पीकर इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्हें माकपा से बाहर कर दिया गया था।
डॉक्टरों के मुताबिक, रविवार सुबह डायलिसिस के दौरान चटर्जी को हार्ट अटैक आया था। उनका स्वास्थ्य कुछ महीनों से ठीक नहीं था। जुलाई में भी उन्हें हेमोरेजिक स्ट्रोक के बाद निजी अस्पताल लाया गया था। तब उनका 40 दिन तक इलाज चला था। 6 अगस्त को ही अस्पताल से छुट्टी मिली थी। चटर्जी के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक जताया है।
एक बार ममता बनर्जी से हारे थे :
चटर्जी 1968 में माकपा से जुड़े थे। 1971 में वह माकपा के समर्थन से निर्दलीय सांसद बने थे। वे सबसे लंबे वक्त तक सांसद रहने वाले नेताओं में शामिल रहे। वे 10 बार सांसद चुने गए। सिर्फ 1984 में वे ममता बनर्जी से जाधवपुर सीट से हार गए थे। इसके बाद 1989 से 2004 तक जीत का सिलसिला जारी रहा। 2004 में वे 14वीं लोकसभा में 10वीं बार सांसद चुने गए। 1996 में उन्हें उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला। सोमनाथ 2004 में आम सहमति से लोकसभा अध्यक्ष बने। वे इस पद पर 2009 तक रहे।
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