नई दिल्ली। पेट्रोल/डीजल के नाम से अब देश भर में आग लग रही है। इन दिनों पेट्रोल अपनी सर्वाधिक कीमत पर है। 4 राज्यों में चुनाव से पहले तेजी से बढ़ोत्तरी की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम के नाम पर कीमतें बढ़ाने का खेल जारी है जबकि पेट्रोल/डीजल पर सरकारें मनमाना टैक्स वसूल रहीं हैं और अब तक इसे जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों की दैनिक मूल्य अधिसूचना के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़त हुई है। दिल्ली में आज पेट्रोल नौ पैसे बढ़ा दिया गया और डीजल छह पैसे। कंपनियां बहुत कम पैसों की बढ़ोत्तरी दिखाने का खेल खेल रहीं हैं ताकि पब्लिक भड़क ना जाए परंतु बढ़ते बढ़ते पेट्रोल/डीजल के दाम अब आम आदमी की पहुंच से बाहर निकल गए हैं।
जून 2017 में लाई गई नई नीति
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पिछले साल जून मध्य में प्रत्येक पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव की नई नीति को बदला गया। नई नीति के अनुसार दैनिक आधार पर इनके दाम बदलने की प्रणाली शुरू कर दी। तब से हर दिन अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम में बदलाव किया जाता है लेकिन चुनाव के समय कंपनियां दाम बढ़ाना बंद कर देतीं हैं।
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