जबलपुर। सीएम शिवराज सिंह दावा करते हैं कि उन्होंने मध्यप्रदेश को डकैत मुक्त प्रदेश बना दिया है परंतु यहां डकैतों की दहशत इस कदर व्याप्त है कि सतना-मानिकपुर रेलखंड के 3 स्टेशनों के स्टाफ ने डकैतों से भयभीत होकर तबादले की मांग की है। उन्होंने ज्ञापन दिया है कि यदि उनकी सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती तो वो यहां काम नहीं करेंगे।
बता दें कि शुक्रवार की देर रात डकैतों ने मालगाड़ी के गार्ड के साथ बांसापहाड़ स्टेशन के समीप मारपीट की एवं लूटपाट की गई। श्रमिक संगठनों ने मांग की है कि रेल प्रशासन स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित करें, वरना यहां पर रेल संचालन बाधित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि जबलपुर रेल मंडल का सतना-मानिकपुर खंड का 4 स्टेशन डकैतों के प्रभावित क्षेत्रों में माना जाता है। यहां पर कई बार डकैतों का स्टेशनों पर हमले की घटनाएं भी सामने आती रही हैं।
पिछले साल तो डकैतों ने टिकरिया स्टेशन पर हमला बोलते हुए एक रेल कर्मचारी का अपहरण भी कर लिया था और स्टेशन मास्टर सहित अन्य कर्मचारी डर के मारे स्टेशन से भाग गये थे, जिसके बाद रेल संचालन प्रभावित हुआ था। उस घटना के दौरान भी आरपीएफ की फोर्स यहां पर तैनात की गई थी. इसके बावजूद डकैतों का प्रभाव कम नहीं हो रहा है।
डकैतों ने मालगाड़ी को रोककर लूटा
बताया जाता है कि गत शुक्रवार को बांसापहाड़ के होम सिग्नल पर मालगाड़ी को रोककर डकैतों ने गार्ड हर्षवर्धन सिंह की जमकर पिटाई करते हुए उसके साथ लूट भी की थी। डकैत धमकी देते हुए गये थे कि वे आगे भी इसी तरह की घटना यहां पर करते रहेंगे। इस घटना के बाद शनिवार 11 अगस्त को रेल कर्मचारी की ओर से मझगवां थाना में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, जिसके बाद आरपीएफ, जिला पुलिस की गश्त इस रेलखंड में तेज कर दी गई है, किंतु रेल कर्मचारियों का भय नहीं जा रहा है।
इनका कहना....
डकैतों द्वारा मालगाड़ी रोककर गार्ड के साथ मारपीट की घटना काफी चिंताजनक है। पूर्व में भी इस रेलखंड में डकैतों के हमले की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पमरे एम्पलाइज यूनियन रेल कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। मंडल रेल प्रबंधक से सुरक्षा पुख्ता करने की मांग की है।
नवीन लिटोरिया, मंडल सचिव,
पमरे एम्पलाइज यूनियन, जबलपुर
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