जबलपुर। सतना में सबंल योजना घोटाला का खुलासा हुआ है। दावा किया जा रहा है कि मजदूरों की लिस्ट मेें आधे नाम फर्जी हैं। आप जानकर चौंक जाएंगे कि इस लिस्ट में नेता, कारोबारी, पार्षद, उद्योगपति, यहां तक कि पेट्रोल पंप संचालक तक के नाम शामिल हैं। सबने बिजली बिल माफ और 200 रुपए में अनलिमिटेड बिजली के लिए अपने नाम जुड़वाए। अब मामले की जांच शुरू हो रही है।
सतना में इस योजना का लाभ लेने के लिए करोड़पति लोग भी मजदूर बन गए हैं। मामले का खुलासा होते ही नगर निगम कमिश्नर ने पूरी सूची की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम बनाई है और वर्तमान योजना प्रभारी को हटा दिया गया है। सतना में ऑटोमोबाइल फर्म संचालक हो या पेट्रोल पंप मालिक, नेता जी हो या पार्षद। ऐसे लोगों की फेहरिस्त बड़ी लंबी है जो करोड़ों का व्यापार होने के बाद भी बेशर्मी से अपना नाम मजजूरों के फायदे के लिए बनी संबल योजना में पंजीकृत करवा रहे हैं।
इन रसूखदारों का मजदूरी से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है, लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम के अधिकारियों से सांठ गांठ कर ये मजदूर बन बैठे हैं। अगर मामले की जांच की जाती है तो करीब 50 फीसदी फर्जी मजदूर बेनकाब हो जाएंगे, जबकि असली मजदूर इस सूची से गायब है। मामले को तूल पकड़ता देख सतना नगर निगम कमिश्नर ने आनन फानन में वर्तमान सहायक आयुक्त नीलम तिवारी को योजना शाखा के प्रभार से हटा दिया है साथ ही चार सदस्यीद जांच दल का भी गठन कर दिया है।
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