भोपाल। पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट के जरिए SC-ST ACT मामले में सुप्रीम कोर्ट का आदेश निष्प्रभावी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने SC-ST ACT के तहत आने वाली शिकायतों की जांच के बाद एफआईआर और गिरफ्तारी के आदेश दिए थे ताकि झूठे मामलों को रोका जा सके, परंतु पीएम मोदी सरकार ने SC-ST ACT में ही संशोधन कर डाला। अब शिकायत आते ही गिरफ्तारी की जाएगी।
फिल्म पद्मावत मामले में भाजपा का साथ देने वाली श्री राजपूत करणी सेना भी अब SC-ST ACT मामले में भाजपा से नाराज चल रही है। क्षत्रिय एवं राजपूत समाज के नेताओं ने इसका विरोध करने का ऐलान कर दिया है। सपाक्स समाज संस्था के उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भदोरिया ने बताया कि राजधानी में राजपूत और क्षत्रिय समाजों की बैठक बुलाई थी। जिसमें एट्रोसिटी एक्ट, आरक्षण आर्थिक आधार पर हो, सपाक्स वर्ग के युवाओं को समान शिक्षा और रोजगार के अवसर आदि मुद्दों पर चर्चा हुई।
वक्ताओं ने कहा कि सामान्य पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के वोट प्रतिशत कम रहते हैं उन्हें संगठित कर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। कार्यक्रमों में लोगों से अपील कर उन्हें शपथ दिलाई जाएगी कि वह अपना वोट जरूर दें और दूसरों को भी वोट देने के लिए प्रेरित करें। राजपूत समाज ने अपने समाज के नेताओं का एट्रोसिटी एक्ट और आरक्षण जैसे मुद्दो पर चुप रहने पर बहिष्कार करने का निर्णय लिया। साथ ही समाज की उन्नति की बात नहीं करने वाले समाज के नेताओं को सार्वजनिक मंच से वोट नहीं देने की चेतावनी देने का निर्णय लिया।
समाज के लोगों ने यह भी तय किया कि एसटी, एससी वर्ग का जो भी व्यक्ति राजपूत समाज के उपनामों का उपयोग करेगा उसका विरोध किया जाएगा। बैठक में वक्ताओं द्वारा सपाक्स समाज के हस्ताक्षर अभियान को तेज करने की बात भी दोहराई गई। इस मौके पर सपाक्स संस्था के अध्यक्ष डॉ. केएस तोमर, सदस्य आरएस कुशवाहा, सपाक्स युवा अध्यक्ष अभिषेक सोनी, सपाक्स युवा सचिव प्रसंग परिहार, सपाक्स युवा प्रचारक चेतन सिंह चंदेल, सत्येंद्र सिंह भदोरिया, राजकुमार सिंह गौर, पिंटू सिंह चौहान, धीरेंद्र सिंह भदोरिया आदि मौजूद थे।
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