भोपाल। जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज ने महिला अधिकारी एवं तत्कालीन पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग में पदस्थ सहायक संचालक जेएस विल्सन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। विल्सन पर छात्रवृत्ति घोटाले का आरोप है, परंतु इस मामले में उनका कुछ नहीं बिगड़ा अलबत्ता आरटीआई के साथ आए 10 रुपए के गबन के मामले में फंस गईं। मध्यप्रदेश के कर्मचारी जगत और प्रशासनिक महकमे में यह मामला एक नजीर बन गया।
मामला दो साल पुराना 30 नवंबर 2016 का है, जब इंजीनियरिंग छात्र संगठन द्वारा कलेक्ट्रेट के पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विभाग में पदस्थ सहायक संचालक जेएस विल्सन के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले का मामला उजागर किया गया था, संगठन के प्रदेश अध्यक्ष और आरटीआई एक्टिविस्ट विशाल बागरी ने इस मामले को उठाया और लगातार आवेदन देकर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच करने की मांग की लेकिन प्रशासन ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई।
तत्कालीन कलेक्टर एसएन रूपला ने मामले की जांच करवाई और सहायक संचालक जेएस विल्सन का ट्रांसफर करवा दिया लेकिन विल्सन स्टे लेकर अपने पद पर जमीं रहीं। करीब 6 माह बाद विशाल बागरी द्वारा पुनः एक आरटीआई लगाई गई, जिसका शुल्क 10 रूपए था लेकिन विल्सन ने न तो इसकी एमपीटीसी रसीद दी और न ही आवेदन पर जानकारी दी।
जिसके छह माह बाद विशाल ने एक आरटीआई लगाकर दस रूपए की राशि के संबंध में जानकारी मांगी, इस दौरान जेएस विल्सन का ट्रांसफर हो गया। इसके बाद पिछड़ा वर्ग एवं अल्संख्यक विभाग में पदस्थ सहायक संचालक आशीष दीक्षित ने पत्र का जवाब देते हुए बताया कि उक्त 10 रूपए की राशि का किसी भी रिकॉर्ड में उल्लेख नहीं है।
बहरहाल जब इस मामले की जानकारी कलेक्टर छवि भारद्वाज को दी गई तो उन्होंने तत्कालीन सहायक संचालक जेएस विल्सन द्वारा 10 रूपए की राशि के गबन के मामले में एसपी को पत्र लिखकर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए।
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