ग्वालियर। मुरैना शहर के प्रसिद्ध गल्ला व्यापारी एवं कैलादेवी एडिबल प्रोडक्ट प्रा. लिमिटेड व श्रीराम वेयर हाउस दिनेश पुत्र बसंत लाल सिंघल उम्र 40 साल की लाश रेलवे ट्रैक पर पड़ी मिली है। परिजनों का कहना है कि दिनेश की हत्या कर उसका शव फैंका गया है। बताया जा रहा है कि दिनेश सिंघल पर करीब 10 करोड़ रुपए का कर्ज था। कुछ दिनों पहले उन्होंने एक जमीन बेची थी जिसका पैसा लेना बाकी था। दिनेश का पार्टनर भी संदेह की जद में है। जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की है।
दिनेश सिंघल अपने दोस्त अनिल कुमार पुत्र शंकरलाल गुप्ता (39) के साथ पार्टनरशिपिंग में गल्ले का कारोबार करता था। इसके अलावा दिनेश व अनिल के नाम से कैलादेवी एडिबल प्रोडक्ट प्रा. लिमिटेड व श्रीराम वेयर हाउस के नाम से फर्म हैं।
सुबह 7 बजे निकले थे, रात 9 बजे तक इंतजार किया
गल्ला कारोबारी दिनेश सिंघल सोमवार की शाम 7 बजे अपने घर से स्कूटर लेकर निकल गया था। रात 9 बजे उसके परिजन ने उसे फोन किए लेकिन उसने मोबाइल रिसीव नहीं किया। रात एक बजे दिनेश को मुरैना रेलवे स्टेशन परिसर में भी कुछ लोगों ने देखा।
श्रीधाम एक्सप्रेस के ड्राइवर ने बताया
सुबह 6.30 बजे जीआरपी को श्रीधाम एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ग्वालियर जाने वाले मेन ट्रैक पर शव पड़े होने की सूचना दी। जीआरपी ने मौके पर पहुंचकर जब पड़ताल की शव की शिनाख्त गल्ला कारोबारी दिनेश सिंघल के रूप में हुई। इसके बाद उनके परिजन को सूचना दी गई।
कई नामचीन नाम सामने आ रहे हैं
गल्ला व्यापारी की मौत के बाद परिजन कर्ज व उससे जुड़े सवालों पर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। लेकिन घटनास्थल, पोस्टमार्टम हाउस सहित मृतक के घर के बाहर मौजूद लोगों के बीच चर्चाओं में दो ऐसे बिंदु उभरे, जिससे पूरा मामला न सिर्फ हाईप्रोफाइल नजर आया बल्कि इसमें शहर के कई नामचीन लोग संदेह के घेरे में आ रहे हैं।
दिनेश आत्महत्या नहीं कर सकता
गल्ला कारोबारी दिनेश सिंघल के बड़े भाई मुकेश सिंघल ने बताया कि मेरा भाई तनाव में जरूर था लेकिन वह आत्महत्या नहीं कर सकता। मृतक व्यापारी के भाई ने कहा कि हमें आशंका है कि व्यापारिक लेनदेन के चलते उसकी हत्या की गई है। क्योंकि वह अपनी प्रॉपर्टी बेचकर बैंक व साहूकारों का कर्ज पटाता जा रहा था फिर वह आत्महत्या क्यों करेगा। इसलिए हमें लग रहा है कि उनकी हत्या की गई है।
संदेह में आ रहे लोगों के जवाब
हमने जमीन का उनका पूरा भुगतान कर दिया। हमारे कुछ विरोधी इस मामले को बेवजह तूल दे रहे हैं। मृतक के साथ मेरी सहानुभूति है लेकिन यह बात भी सत्य है कि उसके ऊपर दुनियाभर का कर्ज था।
विशनचंद्र दाऊ, संचालक पवन ऑइल इंडस्ट्रीज व जमीन खरीदने वाले
मेरे दिनेश के साथ पारिवारिक संबंध थे। मेरी पत्नी व उसके परिवार के बीच कोई विवाद नहीं था। हम दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख के साझेदार थे। उसके ऊपर बैंक व बाजार सहित कुल 70-80 लाख का कर्ज था।
अनिल गुप्ता (अन्ना), मृतक व्यापारी का पार्टनर
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