BHOPAL: एक 12वीं पास गुजराती ने युवक ने 5000 अमेरिकियों को ठग लिया। उसने अमेरिका में लोन लेने वाले 12 लाख लोगों का डेटा जुटाया। फिर सरकारी अधिकारी बनकर उसने लोन रिकवरी के लिए वारंट जारी किए। घबराए हुए अमेरिकी नागरिकों ने फोन किया तो 2 से 3 हजार डॉलर प्रतिव्यक्ति वसूल किए। इस तरह उसने 70 करोड़ की ठगी कर ली। उसने अपने आॅफिस में कई इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को भी नौकरी दे रखी थी। चौंकाने वाली बात तो यह है कि वो फर्राटेदार अमेरिका इंग्लिश बोलता है।
पुलिस के मुताबिक, अहमदाबाद के एक कपड़ा कारोबारी का बेटा अभिषेक पाठक और भोपाल का रामपाल सिंह इस रैकेट के मास्टरमाइंड हैं। वे करीब एक साल से फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। इन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले कई छात्रों को अस्थाई नौकरी पर रखा था। अभिषेक 12वीं पास है। आरोपियों ने आधुनिक सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अमेरिका में रहने वालों के मोबाइल नंबर जुटाए।
आरोपी सरकारी अफसर बनकर लोगों को कॉल करते थे। लोन सेटलमेंट के लिए वॉरंट और गिरफ्तारी का डर दिखाते थे। जो लोग झांसे में आ जाते उनसे अमेरिका में मौजूद उनका साथी माइकल डेनियल दो से तीन हजार डॉलर या इतने ही मूल्य के बिटकॉइन ऐंठ लेता था।
12 लाख अमेरिकी निशाने पर थे
अभिषेक ने पुलिस को बताया कि रामपाल के साथ वह अहमदाबाद के कॉल सेंटर में काम करता था। यहीं से उन्हें लोन लेने वाले 12 लाख अमेरिकियों का डेटा मिला। दोनों फर्राटेदार अमेरिकन इंग्लिश बोलते हैं। कॉल आने पर वे ही बात करते थे। बाकी लोग ईमेल पर फर्जी वॉरंट भेजकर दबाव बनाते थे। यह कॉल सेंटर रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक चलता था, क्योंकि इस दौरान अमेरिका में दिन होता है।