भोपाल। देश भर में चर्चित रहा व्यापमं घोटाला चुनावी माहौल के बीच एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल स्पेशल कोर्ट में परिवाद दायर किया है। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और इंदौर क्राइम ब्रांच के अफसर समेत 18 लोगों को आरोपित किया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास इनकी संलिप्तता के सभी प्रमाण हैं। इस मामले की सुनवाई 22 सितंबर को होगी।
दिग्विजय सिंह ने कोर्ट को 27000 पेज के डॉक्यूमेंट दिए हैं। वहीं खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदम्बरम इस केस की पैरवी के लिए लिए आ सकते हैं। व्हिसिल ब्लोअर प्रशांत पांडेय के अनुसार दिग्विजय सिंह ने पहले यह केस सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था उसके बाद अब यह केस जिला कोर्ट में भी दायर किया है। इस मामले में दिग्विजय ने आरोप लगाए हैं कि इंदौर थाने में एक्सेल सीट से छेड़छाड़ की गई है और उनके पास इसके पर्याप्त सुबूत हैं।
क्या था मामला
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने काफी पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस करके शिवराज सिंह पर व्यापमं घोटाले में शामिल होने और इंदौर थाने में व्यापम से जुड़ी एक्सेल शीट में छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे।
मामले में दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाए थे कि व्यापमं के सिस्टम एनालिस्ट नितिम महेंद्र के कंप्यूटर से जब्त की गई हार्ड डिस्क से तैयार की गई एक्सल सीट में छेड़छाड़ की गई है। हालांकि उस समय उन्होंने आरोप लगाए कि जहां जहां शिवराज से जुड़े नाम थे वहां वहां उमा भारती का नाम डाल दिया गया।
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