भोपाल। व्यापमं घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर अपने दावे को प्रमाणित करने का प्रयास किया है। भोपाल की स्पेशल कोर्ट में पेश परिवाद के बाद आज वो अपने वकील कपिल सिब्बल, एडवोकेट विवेक तन्खा के साथ कोर्ट पहुंचे। यहां दिग्विजय सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए और 27000 पेजों का दस्तावेज प्रस्तुत किया। यह पहली दफा था जब कमलनाथ ने पीसीसी से झंडा दिखाकर नेताओं को विदा नहीं किया बल्कि वो कोर्ट में उनके साथ थे।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भोपाल की अदालत में एक परिवाद दायर किया है, जिसमें अपना बयान देने के लिए दिग्विजय सिंह शनिवार को कोर्ट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सहित 18 अन्य लोगों के खिलाफ 27000 पन्नों की याचिका भी पेश की है। दिग्विजय के साथ मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील कपिल सिब्बल, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी अदालत पहुंचे हैं।
दिग्विज सिंह ने व्यापमं मामले की एक्सेल शीट में फेरबदल करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और इसमें शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 27000 हजार पन्नों के दस्तावेज विशेष अदालत में पेश किए गए हैं।
क्या था मामला
मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापम घोटाले में दिग्विजय सिंह ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके परिवार के लोग भी इस घोटाले में शामिल हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि घोटाले की जांच के दौरान एक्सेल शीट से छेड़छाड़ की गई थी। दिग्विजय सिंह ने असली एक्सेल शीट भी पेश की थी परंतु जांच में उनकी एक्सेल शीट को गलत बताया गया। अब उन्होंने स्पेशल कोर्ट में परिवाद पेश कर दिया है।
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