निशांत कुमार/नई दिल्ली। महज चार दिनों में दलाल स्ट्रीट के निवेशकों के पास से 5 लाख 66 हजार 187 करोड़ रुपये निकल गए। सोमवार से लेकर शुक्रवार तक के चार सत्र में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सूचकांक सेंसेक्स 1,249 अंक यानी 3.28 प्रतिशत टूट गया। सिर्फ शुक्रवार को ही बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) 2 लाख 2 हजार 433.26 करोड़ रुपये घट गया।
कुछ मिनटों में 1,128 अंकों की गिरावट के बाद सेंसेक्स ज्यादातर घाटे से उबर गया और यह 279.62 पॉइंट यानी 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 36,841.60 अंक पर बंद हुआ। तब तक 31 में से 13 शेयर ही हरे निशान में कायम रह सके। इसी तरह, निफ्टी50 दिनभर के कारोबार में 368 अंक टूट गया और आखिर में 91.25 अंक यानी 0.81 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 11,143.10 पर बंद हुआ। निफ्टी के 50 शेयरों में 23 बढ़त के साथ जबकि 27 लाल निशान में बंद हुए।
जियोजीत फाइनैंशल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने शुक्रवार के सत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'मार्केट ने यस बैंक के शेयरों में बड़ी गिरावट और आरबीआई के ओपन मार्केट ऑपरेशन को बहुत गौर से देखा। बाद में, लिक्विडीटी क्रंच और आरबीआई के कडे़ नियमों के डर से तनाव बढ़ गया। लिक्विडिटी में कमी की आशंका में इसका प्रत्यक्ष प्रभाव ऊंची कीमतों वाले शेयरों और सेक्टरों पर पड़ा।'
शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी में लगातार चौथे दिन गिरावट आई थी। पिछले चार सत्रों में सेंसेक्स 1,249 पाइंट्स यानी 3.28 प्रतिशत टूट गया तो निफ्टी में भी 372 यानी 3.23 प्रतिशत की गिरावट आ गई। फाइनैंशल, बैंक, फार्मा और रीयल्टी कंपनियों के शयरों के धराशायी होने के कारण बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप पिछले शुक्रवार के 1 करोड़ 56 लाख 37 हजार, 19.15 करोड़ के मुकाबले आज 1 करोड़, 50 लाख, 70 हजार, 832.18 करोड़ रह गया।
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