जबलपुर। मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित भगवान श्रीराम की वनवास यात्रा प्रसंग से संबद्ध पवित्र धार्मिक शहर चित्रकूट में भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला। चौंकाने वाली बात यह है कि चित्रकूट के 5000 साल के इतिहास में यह पहली बार है जब सूर्यग्रहण या ऐसी ही धार्मिक मान्यतों के अलावा किसी सामाजिक मुद्दे पर मंदिर और मठों के कपाट बंद रहे।
यहां प्राचीन कामतानाथ धाम सहित चित्रकूट के सभी मठमंदिरों के पट बंद रहे। पुजारियों ने नियत समय पर भगवान की प्रतिमाओं के अभिषेक, श्रृंगार एवं आरती इत्यादि किए और फिर पट बंद कर दिए। श्रृद्धालुओं को दर्शन के लिए मंदिर उपलब्ध नहीं थे। पंडे-पुजारियों ने भारत बंद को समर्थन का ऐलान किया और प्रदर्शन में शामिल रहे।
क्या है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी एक्ट में एफआईआर दर्ज होते ही गिरफ्तारी की शर्त हटा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि मामला दर्ज होने के बाद पहले जांच की जाए और फिर गिरफ्तारी। पीएम नरेंद्र मोदी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निष्प्रभावी करने के लिए अध्यादेश ले आई और वो फटाफट संसद में पारित भी हो गया। अब जनता भड़क गई है। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी जानी चाहिए थी। अध्यादेश क्यों लाए।
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