भोपाल। आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट के समर्थन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को लगातार 6 घंटे तक सभा चलती रही। यह किसी भी विरोध प्रदर्शन, धरना या आंदोलन से कहीं ज्यादा समय है। इसमें 65 संगठनों ने भाग लिया और 60 से ज्यादा नेताओं ने मंच से सभा को संबोधित किया। आयोजन सम्मेलन के नाम पर किया गया था परंतु देखते ही देखते यह एक जनसंसद बन गई थी। पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति संयुक्त मोर्चा के बैनर तले यह आयोजन किया गया था।
भेल दशहरा मैदान में हुए सम्मेलन में मोर्चा में शामिल 65 संगठनों के 60 से ज्यादा वक्ताओं ने खुले मंच से कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में किसी भी सवर्ण उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे। एट्रोसिटी एक्ट से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्यक्रम में ओबीसी वक्ताओं ने मांग की कि मप्र में भी ओबीसी को 14 की जगह 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए।
रविवार सुबह 11:00 से शाम 5:00 बजे तक लगातार 6 घंटे चली सभा में ज्यादातर वक्ताओं का भाषण आरक्षण, एट्रोसिटी एक्ट के इर्द-गिर्द की केंद्रित रहा। इन वक्ताओं ने राज्य की भाजपा सरकार के रवैये पर भी आक्रोश जताया। बीच-बीच में वक्ताओं व श्रोताओं ने झंडे लहराकर आरक्षण के समर्थन में नारेबाजी की। इससे पहले प्रदेशभर से लोग बसों से सभास्थल तक पहुंचे। शाम करीब पांच बजे मंच पर ही एडीएम संतोष वर्मा, एसडीएम मुकुल गुप्ता, एएसपी दिनेश कौशल ने आकर ज्ञापन लिया।
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