भोपाल। प्रतीत होने लगा है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस नेताओं, खासकर कमलनाथ को बिना परिश्रम के सत्ता चाहिए। मध्यप्रदेश में पेट्रोल 85 पार हो गया लेकिन कांग्रेस अब तक सड़कों पर नहीं उतरी है। लोगों में विपक्ष में बैठी भाजपा याद आ रही है। शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री रहते हुए साइकिल चलाकर पेट्रोल मूल्यवृद्धि का विरोध किया था और भाजपा नेताओं ने लगातार प्रदर्शन करके मनमोहन सिंह सरकार को दवाब में ले लिया था परंतु मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार कमलनाथ हर रोज सिर्फ बयान जारी कर देते हैं।
आज उन्होंने फिर एक बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हमारे समय जब 55 रूपये लीटर पेट्रोल था तब नोटंकी व आंदोलन करने वाले भाजपा नेता आज 85 रूपये लीटर पेट्रोल होने पर कहां गायब हो गये हैं? आज पेट्रोल-डीजल के भाव रोज बढ़ रहे हैं और रूपये के दाम रोज गिर रहे हैं। इस तरह के दर्जनों बयान कमलनाथ ट्वीटर पर भी जारी कर चुके हैं। पता नहीं ये कैसे सवाल कर रहे हैं कमलनाथ। भाजपा जब विपक्ष में थी तो उसने 55 पर ही आंदोलन कर डाले। अब कांग्रेस विपक्ष में आंदोलन धर्म निभाना चाहिए लेकिन बस बयानबाजी जारी है। विपक्ष की कमजोरी के कारण ही मध्यप्रदेश मेें पेट्रोल 85 हो गया। मध्यप्रदेश में पिछले 15 साल से भाजपा की सरकार है परंतु कमलनाथ ने आज तक एक भी प्रभावी विरोध प्रदर्शन नहीं किया। ना तो कभी उपवास पर बैठे और ना ही कभी साइकिल चलाई।
कमलनाथ से निराश हो रही है पब्लिक
मध्यप्रदेश में जब मुख्यमंत्री पद के लिए कमलनाथ का नाम चला और वो प्रदेश अध्यक्ष बनकर आए तो उम्मीद थी कि एक अनुभवी नेता के हाथ में कांग्रेस की कमान आई है। अब वो सरकार पर दवाब बना पाएंगे परंतु ऐसा कुछ हुआ नहीं। हां, प्रतिदिन कुछ ट्वीट जरूर दिखाई दे जाते हैं। शुरूआत में इस सक्रियता की लोगों ने सराहना की थी परंतु अब लोग निराश होने लगे हैं। मध्यप्रदेश में 3000 करोड़ का ई टेंडर घोटाले का खुलासा हुआ, सरकारी खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है, वेतन बांटने को पैसे नहीं हैं, पेट्रोल पर शिवराज सरकार के मनमाने टैक्स लगे हुए हैं परंतु कमलनाथ एक भी विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे। कमलनाथ में उम्मीद की किरण ही नजर नहीं आ रही है।
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