इंदौर। देशभक्ति और तानाशाही में बस यही अंतर होता है। जब सत्ताधारी पार्टी के लोग देशभक्ति के नाम पर कानून तोड़ने लगें तो तानाशाही। जर्मनी में भी ऐसा ही हुआ था। अब यहां भी दिखाई दे रहा है। मध्यप्रदेश के मंदसौर शहर (राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय) से ऐसी ही खबर आ रही है। सोशल मीडिया और अखबारों में आरोप लगाए गए हैं कि एबीवीपी के नेताओं ने कॉलेज में घुसकर नारेबाजी की और जब प्रोफेसर ने शांत रहने को कहा तो उन्हे देशद्रोही करार देकर इस कदर धमकाया कि प्रोफेसर को एबीवीपी नेताओं के पैरों में झुककर माफी मांगनी पड़ी। इतना ही नहीं कॉलेज प्राचार्य से भी नारे लगवाए गए।
क्या हुआ था घटनाक्रम
मामला मंदसौर के पीजी कॉलेज का है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से संबद्ध एवं भारतीय जनता पार्टी के हित में काम करने वाले छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ नेता दोपहर 1 बजे पीजी कॉलेज में ज्ञापन देने गए थे। आरोप है कि कॉलेज में घुसते ही उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। जिस समय नारेबाजी शुरू हुई, कॉलेज में क्लास चल रही थीं। प्रोफेसर दिनेश गुप्ता ने नेताओं को कॉलेज में शोर मचाने से मना किया तो नेताओं ने प्रोफेसर को ही घेर लिया। उन्हे देशद्रोही करार दिया गया और देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजने की धमकी दी गई। घबराए प्रोफेसर को सभी नेताओं के पैरों में झुककर माफी मांगनी पड़ी।
प्राचार्य को भी नारे लगाने पड़े
मामला बढ़ता देख प्राचार्य आरके सोहोनी ने उसे शांत करने की कोशिश की। पहले एबीवीपी नेताओं को समझाया। वो नहीं माने तो प्राचार्य आरके सोहोनी ने खुद नारे लगाए और उनका अहंकार शांत करने की कोशिश की परंतु एबीवीपी को लोग धमकियां देते थे। अंतत: प्रोफेसर दिनेश गुप्ता को पैरों में झुककर माफी मांगनी पड़ी।
भाजपा ने की निंदा
भाजपा जिलाध्यक्ष ने घटना को निंदनीय व शर्मनाक बताते हुए परिषद कार्यकर्ताओं को आगे से कॉलेज मैदान में शांतिपूर्ण ढंग से ज्ञापन देने की सीख दी जबकि विधायक ने दोनों पक्षों से बातकर गलती जानने की बात कही है।
एबीवीपी के अध्यक्ष ने कहा: उनकी की गलती थी
घटना को लेकर एबीवीपी के कॉलेज अध्यक्ष राधे गोस्वामी का कहना है कि हम नारे लगाते जा रहे थे। सर ने रोका, यह उनकी गलती है। उनका माइंड डिस्टर्ब था। इसलिए उन्होंने सभी के पैर पकड़कर माफी मांगी।
उन्होंने भारत माता की जय बोलने से रोका था: जिला संयोजक
मुझे नहीं मालूम था सर ऐसा क्यों कर रहे हैं। मुझे बहुत बुरा लगा। मैंने उन्हें रोका भी, लेकिन वे नहीं माने। मैंने खुद उनके पास जाकर माफी मांगी है। मैंने साथियों से बात की है। उनका कहना है कि सर ने भारत माता की जय बोलने से रोका, जिससे वे नाराज हुए।
पवन शर्मा, एबीवीपी जिला संयोजक
अब भी दहशत में है प्रोफेसर
विद्यार्थी मुझे देशद्रोही बोल रहे थे। क्या करता पैरों में गिर गया कि मैं ऐसा नहीं हूं। मुझ पर प्रकरण भी दर्ज कराना चाहते थे। ये विद्यार्थी हैं ही नहीं। ये कभी क्लास नहीं आते, केवल नेतागीरी करते हैं। मैं चाहता हूं कि विद्यार्थी पढ़-लिखकर आगे बढ़ें। कार्रवाई जैसी कोई बात मेरे मन में नहीं है। प्रो. दिनेश गुप्ता
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