इंदौर। उज्जैन में भाजपा के नेता एवं विधायक मोहन यादव ने दावा किया है कि एससी एसटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ चल रहे सवर्ण आंदोलन को विदेशी फंडिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि सिमी और इस्लामिक कट्टरपंथी हिंदू समाज को बांटने की साजिश रच रहे हैं। सिलिकॉन वैली से भी फंडिंग हो रही है। हिन्दू समाज को इस बारे में सोचना होगा।
विधायक ने देश भर में हो रहे सवर्ण आंदोलन के पीछे सिमी और इस्लामिक कट्टरपंथी की साजिश बताया है और इसके लिए फंडिंग का भी आरोप लगाया है। मोहन यादव ने कहा कि हमारे सवर्ण समाज, पिछड़ा वर्ग, दलित समाज को लड़ाकर लोग फूट डालना चाहते हैं, लड़ाना चाहते हैं। यह बात सही है कि एकता से ही हमारे प्रदेश और देश की उन्नति हो सकती है।
विदेशी ताकतें कुछ भी करें, हम सभी समाज आपस में मिलकर इससे लड़ेंगे। अंग्रेजों से लेकर हर काल में हमारे देश को तोड़ने की साजिश रची गई। यादव ने कहा कि हमारी एकता ज्यादा महत्व रखती है। विदेशी ताकतें सदैव प्रयास में रहती हैं कि वे हमें लड़ाएं। वे इसके लिए धन संपदा सभी का उपयोग कर रही हैं। सरकार विदेशी ताकतों से लड़ने के लिए सक्षम है।
मध्यप्रदेश और देश की प्रमुख खबरें पढ़ने, MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करें) या फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
उज्जैन विधायक मोहन यादव न दिया विवादित बयान— Ram Singh Jadon (@RamSinghJadon6) September 20, 2018
सवर्ण आंदोलन में विदेशी फंडिंग हो रही है।
आदरणीय @narendramodi जी अपने नेताओं को समाले ये सवर्णों को भडकाने मे लगे और इस प्रकार पार्टी का ही नुकसान कर रहे हैं@Amits @rajnathsingh @RSSorg @jhaprabhatbjp @SuhasBhagatBJP pic.twitter.com/pPasQ3GP4Z
मोहन यादव का यूटर्न
भाजपा के विधायक मोहन यादव ने इस बात का खंडन किया है कि उन्होंने एससीएसटी एक्ट के खिलाफ सवर्ण आंदोलन के लिए विदेशी फंडिग होने की बात कही थी। यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसका खंडन करते हुए कहा कि आज कुछ चैनल पर सवर्ण और करणी सेना को लेकर मेरे हवाले से झूठी जानकारी दी जिसका मैं खंडन करता हूं। मैंने कभी भी करणी सेना व सवर्ण आंदोलन पर विदेशी फंडिंग की बात नहीं की। परस्पर समाजों को लड़ाने की बात मैं कभी नहीं करता हूं। गौरतलब है कि आज मोहन यादव के नाम से इस तरह का बयान कुछ चेनल व न्यूज पोर्टल पर आने के बाद राजनीतिक हलकों में काफी गहमागहमी हो गई थी और भाजपा में भी शीर्ष स्तर पर इस बारे में वास्तविकता का पता लगाने का प्रयास किया गया।