ग्वालियर। मध्य प्रदेश की सरकार एक तरफ़ तो खेल बढ़ावा, और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की बात करती है। वहीं दूसरी तरफ धरातल पर ना तो खेल को बल दिया जा रहा है, और ना ही खिलाड़ियों से किए वायदे पूरे किए जा रहे हैं। एेसा ही अशोकनगर जिले के वुशु खेल में तीन खिलाड़ियों को एकलव्य अवार्ड दिलाने वाले विश्वामित्र अवार्ड से सम्मानित वुशु कोच बृजेश धुरैंटे ने सोमवार को सरकार द्वारा दिया गया विश्वामित्र अवार्ड लौटा दिया है माना जा रहा है कि बीजेपी विधायक गोपीलाल जाटव की वादाखिलाफी से नाराज होकर कोच ने अपर कलेक्टर को अपना अवार्ड वापस कर दिया।
धुरैंटे का कहना है कि भाजपा विधायक गोपीलाल जाटव के वादा नहीं निभाने के कारण उन्होंने ऐसा किया है। धुरैंटे के मुताबिक दो साल पहले विधायक ने कोच को विधायक निधि से 11 लाख रुपए देने का वादा किया था, जब उन्हें वादे की याद दिलाई गई तो उन्होंने ऐसे किसी वादे से साफ इनकार कर दिया।
इस पूरे मसले से खेल विभाग का सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं है। राज्य सरकार ने कोच को उनकी योगदान को देखते हुए विश्वामित्र अवार्ड दिया था, उन्हें इस तरह से वापस नहीं करना चाहिए। मुझे नहीं पता कि विधायक जी ने क्या घोषणा की थी। फिर भी हमने वहां के डीएसओ को कहा कि वह मामले को समझे। उन्हें कोई परेशानी है तो वह विभाग से बात करें। हम हमारी पॉलिसी अनुसार हर संभव मदद करने को तैयार हैं।
डॉ. एसएल थाउसेन, संचालक। खेल एवं युवा -कल्याण मप्र भोपाल।