भोपाल। भारत बंद और सवर्णों का दवाब असर दिखा रहा है। भाजपा ने एससी एसटी एक्ट का विरोध करने वालों में फूट डालने के लिए सतना में 10 सितंबर को ओबीसी सम्मेलन का आयोजन किया था परंतु अब उसे रद्द कर दिया गया है। भारत बंद के बाद भाजपा के भीतर जबर्दस्त उथल पुथल देखी जा रही है। बंद के दौरान भी कई भाजपा नेताओं ने सक्रियता दिखाई और पार्टीमंच पर उन्होंने खुलकर बात की। पहली बार दिखाई दिया कि भाजपा में नीचे बैठे कार्यकर्ता मंच पर बैठे नेताओं पर भारी पड़ गए।
बैरागढ़ के संत हिरदाराम गर्ल्स कॉलेज में शुक्रवार को हुई बैठक विस्तारित बैठक में ज्यादातर समय सवर्ण आंदोलन पर ही बात हुई। पार्टी के भीतर कई नेताओं ने संगठन में सवर्ण आंदोलन को लेकर बात रखी। इसी के बाद मुख्यमंत्री ने सरकार के रुख की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार की किसी योजना में भेदभाव नहीं किया जा रहा है परंतु कार्यकर्ता इस बात से सहमत नहीं हुए।
शिवराज सिंह समझ नहीं पा रहे लोग उनसे नाराज क्यों हैं
दरअसल, सीएम शिवराज सिंह अब भी समझ नहीं पा रहे लोग उनसे नाराज क्यों हैं। उनका कहना है कि एससी एसटी एक्ट में संशोधन संसद ने किया है। इसकी प्रतिक्रिया लोकसभा चुनाव में होनी चाहिए फिर विधानसभा चुनाव में विरोध प्रदर्शन क्यों हो रहे हैं। वो शायद भूल रहे हैं कि जातिवाद के आधार पर आरक्षण की वकालत करने वाली अपील सुप्रीम कोर्ट में उन्हीं ने लगाई है। आदिवासी महिलाओं को 1000 रुपए प्रतिमाह पोषण भत्ता देने की योजना का ऐलान उन्होंने ही किया जबकि सवर्ण जाति की निर्धन महिलाओं के लिए इसके समकक्ष कोई योजना नहीं है।
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