यूं तो सर्दी जुकाम मौसम बदलने पर ही व्यक्ति को होता है, लेकिन कुछ लोगों में हर समय जुकाम बना रहता है। मौसम बदलने पर होने वाला जुकाम तो कुछ समय में ठीक हो जाता है, लेकिन पिछले कई सालों से बना रहने वाला ये पुराना जुकाम काफी परेशान करता है। इस पीनस डिसीज में जुकाम के जैसे ही नाक से पानी बहने लगता है। इस रोग में कुछ समय बाद नाक के अंदर का हिस्सा फूल जाता है, जब पीनस ज्यादा पुराना हो जाए तो नाक की हड्डी गलकर निकलने लगती है।
इससे राहत पाने के लिए वैसे तो लोग कई तरह की एलोपैथी दवा और उपचार लेते रहते हैं, ये ट्रीटमेंट महंगा होने के साथ कई लोगों को सूट नहीं होता लेकिन आयुर्वेद में इसकी अच्छा इलाज है। ये सस्ता भी है और फायदेमंद भी। आप चाहें तो इन नुस्खों ये अपने दो साल पुराने जुकाम का इलाज भी कर सकते हैं।
घरेलू आयुर्वेदिक दवाओं से करें इलाज
इस बीमारी को दूर करने में हल्दी बड़े फायदेमंद साबित होती है। हल्दी और कालीमिर्च के चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर पीने से पुराने से पुराना जुकाम भी चुटकियों में छू मंतर हो जाएगा। वहीं दो ग्राम कालीमिर्च को गुड़ और दही के साथ खाने से पीनस रोग में काफी लाभ मिलता है।
मैथी और अलसी के तीन ग्राम दानों को 175 मिली पानी में पकाकर बचे रहने पर छानकर तीन से चार बूंदों को पीने से सभी तरह का बिगड़ा जुकाम में आराम मिलता है।
एरंड को तेल को गर्म करके रखें। जिस नाक में पीनस है, उससे तेल को कई बार सूंघने से पीनस में आराम मिलेगा। वहीं तुलसी के पत्तों के चूर्ण को नाक से संूघने पर पीनस रोग दूर हो जाता है।
सूखे हुए आंवलों को घी में तल लें। इसे पानी के साथ पीसकर माथे पर लगाने से नाक में से खून आना लगभग रूक जाता है।
जुकाम पुराना हो जाने की वजह से नाक में कीड़े पड़ जाते हैं। ऐसे में 3 ग्राम कपूर और 6 ग्राम सेलखड़ी को मिलाकर पीस लें। इस रस को रोजाना दिन में तीन से चार बार नाक में डालने से बहुत आराम मिलता है।
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