अभी मध्यप्रदेश विधान सभा के चुनाव घोषित नहीं हुए हैं। कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं। न्यायलय के ताजे फैसले और भाजपा की रणनीति कांग्रेस को मुद्दाविहीन करने में लगी है। 20 सितम्बर को ऐसा ही हुआ। मुख्यमंत्री का एस सी एस टी एक्ट में गिरफ्तारी को लेकर आया ट्विट, डम्पर कांड में ख़ारिज हुई कांग्रेस की याचिका और चुनाव आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में फर्जी वोटर को लेकर दिए गये जवाब इस बात का संकेत कर रहे हैं की कांग्रेस के हाथ से मुद्दे फिसल रहे हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने एट्रोसिटी एक्ट में गिरफ्तारी को लेकर एक ट्विट किया जिसका आशय यह था कि “ मध्यप्रदेश में इस कानून के तहत बगैर जाँच के गिरफ्तारी नहीं होगी।” इस ट्विट के आते ही इसके प्रभाव और वैधानिकता पर बहस चल पड़ी। जिम्मेदार सूत्रों ने इलाहबाद उच्च न्यायलय के निर्णय का हवाला देते हुए दंड प्रक्रिया संहिता में 7 वर्ष तक के कारावास वाले अपराधों में बिना जाँच के गिरफ्तारी न करने की बात दोहराई। इस ट्विट और स्पष्टीकरण ने इस विषय पर हो रही कांग्रेस की तैयारी की हवा निकाल दी।
डम्पर घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह को बड़ी राहत देते हुए डंपर घोटाले को लेकर लगी याचिका खारिज कर दी। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा द्वारा लगाई गई याचिका में मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी पत्नी की जांच की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका खारिज कर दी कि “हमें पता है मध्यप्रदेश में चुनाव है, आप जाकर चुनाव लड़िए।” कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह के ख़िलाफ चार डम्परों ख़रीद के मामले में जांच की मांग की गई थी। इसके पहले कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने यह मामला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर और जिला न्यायालय रीवा में दायर किया था, जिसमें उनकी याचिका खारिज हो गई थी।इस तरह यह मुद्दा भी फिसल गया।
वहीं, फर्ज़ी वोटर के मामले में प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की लम्बित याचिका पर सर्वोच्च न्यायलय 27 सितंबर को सुनवाई करेगा। कमलनाथ ने अपनी याचिका में प्रदेश की वोटर लिस्ट में बड़ी संख्या में फर्ज़ी वोटर होने की बात कही है। कमलनाथ की उस याचिका पर चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दिया अपने हलफनामे में चुनाव आयोग ने कहा है वो कांग्रेस और उसके नेताओं के बताए तरीकों के अनुसार देश में चुनाव कराने के लिए बाध्य नहीं है।यह मुद्दा भी कांग्रेस के हाथ से निकलता लगता है।
चुनाव में सब जायज है कि तर्ज़ पर कांग्रेस ने एक और मुकदमा भोपाल जिला न्यायालय में दायर किया है। वादी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह है और मुद्दा व्यापम जाँच में हुई गडबडी है।
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।